महिलाओं को समर्पित राज्य का पहला और एक मात्र थियेटर फेस्टिवल में तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव


महिलाओं को समर्पित राज्य का पहला और एक मात्र थियेटर फेस्टिवल में तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव

नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा आयोजित थियेटरफेस्टिवल का भव्य आगाज शुक्रवार से होगा।इसमें लगातार तीन दिनों तक देश के कई कोनों से रंगमंच कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करेंगे।बताया गया कि तीनों दिन नाटक शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में होंगे।

 

महिलाओं को समर्पित राज्य का पहला और एक मात्र थियेटर फेस्टिवल में तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव

हर बार की तरह इस वर्ष भी नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा आयोजित थियेटरफेस्टिवल का भव्य आगाज शुक्रवार से होगा।इसमें लगातार तीन दिनों तक देश के कई कोनों से रंगमंच कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करेंगे।बताया गया कि तीनों दिन नाटक शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में होंगे।

इस नाट्य महोत्सव की खास बात यह हैकि यह राज्य का पहला और एकमात्र नाट्य महोत्सव है जो महिलाओंको समर्पित है।इस फेस्टिवल को लेकर शहर के रंगमंच प्रेमियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है।

कार्यक्रम संयोजक अब्दुल मुबीन खान ने बताया कि पूरीतरह से निशुल्क इस थियेटर फेस्टिवल का यह लगातार चौथा साल है इस से पूर्व भी तीन वर्षाें तक इसका सफलता पूर्वक आयोजन हो चुका है।

महोत्सव के पहले दिन शुक्रवारको लश्कर चौक नाटक का मंचन किया जाएगा। कुसुम कुमार द्वारा लिखित एवं अमित श्रीमाली द्वारा निर्देशित नाटक भारत की आजादी के समय पर आधारित है।कस्बाई परिवेश का यह नाटक हिंदू मुस्लिम रिश्तों और उस समय महिलाओं की सामाजिक स्थिति को दर्शाता है।

दूसरे दिन शनिवार को पश्चिम बंगाल से आए थियेटर शाइन के कलाकार तोमार डाके नाटक की प्रस्तुति देंगे। यह नाटक मलाला युसुफजाई के विचारों के प्रेरित है एक लड़की की बदली हुई जिंदगी की कहानी है।इस नाटक के लेखक एवं निर्देशक सुवोजीत बंधोपाध्याय हैं।

तीसरे दिन नाटक अग्निपरीक्षा का मंचन किया जाएगा। इस में नारी द्वारा अग्निपरीक्षा के चार महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन बखूबी किया गयाहै।जिसमें सती का आत्मदाह, सीता की अग्निपरीक्षा, पद्मिनी का जौहर और सती के नाम पर विधवा बहू का देह दहन शामिल हैं।तीनों ही दिन लघु नाट्य प्रतियोगिता, चित्रकला, ऑनलाइन फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पारीतोषिक वितरण किया जाएगा।

1000 से ज्यादा नवोदित कलाकारों को मिल चुका है मंच-

संयोजक अब्दुल मुबीन खान ने बताया कि अल्फाज हर साल कई नवोदितकलाकारों को मंचप्रदान करता है।इन चार सालों में शहर भर के एक हजार से ज्यादा नवोदित कलाकारों को कला के विभिन्न क्षेत्रों के जरिए मंचप्रदान किया जा चुका है।इतना ही नहीं इन चार सालों में सोसायटी ने अल्फाज के माध्यम से सौ से ज्यादा बच्चों को रंगमंच सिखाया है।

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