15 दिनों में धुम्रपान मुक्त जिला बनाना है – कलक्टर के निर्देश
जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर ने तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अन्तर्गत जिले को धुम्रपान मुक्त घोषित करने हेतु सभी तम्बाकू एवं अन्य उत्पादक विक्रेताओं को कोटपा 2003 के अन्तर्गत धारा 5 का पालन करने के सख्त निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर ने तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अन्तर्गत जिले को धुम्रपान मुक्त घोषित करने हेतु सभी तम्बाकू एवं अन्य उत्पादक विक्रेताओं को कोटपा 2003 के अन्तर्गत धारा 5 का पालन करने के सख्त निर्देश दिए है।
इसके प्रावधानों में विज्ञापन बोर्ड की साईज 60 गुना 45 वर्ग सेमी से अधिक नही होनी चाहिए तथा इसके उपरी भाग में स्वास्थ्य चेतावनी 20 गुना 15 वर्ग सेमी में ‘तम्बाकू जानलेवा है या तम्बाकू से कैंसर होता है’ काले अक्षरों में सफेद पृष्ठभूमि पर लिखा हुआ होना चाहिए। इस बोर्ड पर सिर्फ तम्बाकू उत्पादों की सूची लगा सकते है जैसे बीडी, सिगरेट, खैनी आदि एवं तम्बाकू उत्पादों को बेचने वाली दुकान पर लगे बोर्ड पर ब्राण्ड का नाम, चित्र, रंगीन फोटो नहीं होना चाहिए एवं बोर्ड चमकदार नहीं होना चाहिए।
टेलीविजन एवं फिल्मों में तम्बाकू दृश्यों को दिखाना अपराध हो सकता है। सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन, चिकित्सालय, सामुदायिक भवन, सार्वजनिक पार्क, रेस्टोरेंट होटल आदि में धुम्रपान करता पाया जाता है तो जिला प्रशासन (चिकित्सा एवं पुलिस विभाग के नोडल अधिकारियों) द्वारा अधिकतम जुर्माना व उचित कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश जिला कलक्टर ने दिये।
केवल तीस कमरों से ज्यादा वाले होटल एवं तीस व्यक्तियों से ज्यादा क्षमता वाले रेस्टोरेंट एवं हवाई अड्डे पर अलग से धुम्रपान कक्ष कानूनी प्रावधान के अनुरूप बनाया जा सकता है। धारा 6 के अनुसार नाबालिगों को तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है। शिक्षण संस्थाओं के निकट एवं बिक्री के स्थान पर नाबालिगों को तम्बाकू दिखाई नहीं देने चाहिए। जिला कलक्टर ने सख्त निर्देश दिये है कि उदयपुर जिले को आगामी 15 दिनों में धुमप्रान मुक्त जिला बनाना है।
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