ओड़ीशा के कृषि अधिकारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न


ओड़ीशा के कृषि अधिकारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा ओडिशा के कृषि अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजन किया गया।

 

ओड़ीशा के कृषि अधिकारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा ओडिशा के कृषि अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजन किया गया।

इस प्रशिक्षण का विषय लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए समन्वित कृषि प्रणाली एवं इसका आयोजन ओड़ीशा राज्य सरकार द्वारा किया गया था।प्रशिक्षण में ओडीशा राज्य के 19 कृषि अधिकारियों ने भाग लिया।प्रशिक्षण को कृषि एवं खाद्य निदेशालय, ओडीशा ने प्रायोजित था।

निदेशक प्रसार, डॉ. आई. जे.माथुर ने बताया कि एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल एक अच्छा कृषि प्रणाली मॉडल है जिससे किसान अपने जोत के अनुसार विभिन्न इन्टरप्राइजेज को शामिल करके तथा संसाधनों एवं समय का भरपूर उपयोग करके अधिक कृषि उत्पाद कर सकता है।साथ ही फसल उत्पाद को बाजार में बेचकर के अधिकआय प्राप्त कर सकता है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रसार शिक्षा निदेशालय का यह प्रयास रहा है कि जानेमाने विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलवाया जाये।

समापनसारोह के मुख्य अतिथि प्रो. जी.एस.आमेटा, निदेशक अनुसंधान, एम.पी.यू.ए.टी ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि में सुधार व मुनाफा लाने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली की अहम भूमिका है। इस कृषि प्रणाली अथवा फार्मिग सिस्टम द्वारा कृषक परिवार के पास जो भी संसाधन है और उनके उपयोग कर समग्र परिवार का पालन पोषण हो सकता है।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ. अनिलादोशी, विभागाध्यक्ष, पादपरोग एवं व्याधि, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने कहा कि एकीकृत कृषि प्रणाली एक बहुत ही संभव लाभदायक प्रणाली है। जिससे प्रक्षेत्र अपशिष्ट एवं फसल उत्पाद अवशेषों के पुनः चक्रण द्वारा टिकाऊ फसलोत्पादन किया जा सकता है एवं पर्यावरण को साफ भी रखा जा सकता है।पूरे वर्ष स्वरोजगार के अवसर की प्राप्त भी कर सकते हैं।

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