डूंगरपूर के जनजातीय मत्स्य पालकों ने सीखी जलजीवशाला बनाने की कला एवं बहुरंगी मछली पालन


डूंगरपूर के जनजातीय मत्स्य पालकों ने सीखी जलजीवशाला बनाने की कला एवं बहुरंगी मछली पालन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय द्वारा बहुरंगी मछली पालन पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण डूंगरपूर के कृषि विज्ञान केन्द्र पर सम्पन्न हुआ।

 
डूंगरपूर के जनजातीय मत्स्य पालकों ने सीखी जलजीवशाला बनाने की कला एवं बहुरंगी मछली पालन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय द्वारा बहुरंगी मछली पालन पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण डूंगरपूर के कृषि विज्ञान केन्द्र पर सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. एल.एल. शर्मा के मुख्यआतिथ्य एवं कृषि विज्ञान केन्द्र डूंगरपूर के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. एस.एन.औझा की अध्यक्षता में हुआ।

समापन कार्यक्रम के मुख्यअतिथी डॉ. एल.एल. शर्मा ने किसानो को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश बहुरंगी मछली पालन मे बहुत पीछे है जबकि अन्य देशों मे इसका व्यापार खूब फल – फूल रहा है। हमारे जलाशयों मे मिलने वाली अनेकों प्रजातियॉं बहुरंगी मछलियों का स्थान ले सकती हैं क्यांकि हमारे यहां कि जल विविधता अच्छी है।

उन्होंने आव्हान किया कि किसानों ने 3 दिनों मे जो कुछ सीखा है उसे शुरू मे लघु स्तर से शुरू करे एवं अपने घरो एवं आस-पास मे रहने वाले शिक्षित युवाओं, ग्रहणियों और बालिकाओं को भी अपने ज्ञान का लाभ अवश्य दे जिसे ये बहुरंगी मछलियों का संसार उनके जीवन – स्तर को सुधार सके।

परियोजना के सहसमन्वयक डॉं. बी. के. शर्मा ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,् नई दिल्ली द्वारा जनजाति उपयोजना क्षेत्र के लिये प्रायोजित इस प्रशिक्षण के आयोजन का मुख्य उदे्श्य कृषकों मे स्वरोजगार अपनाने एवं आजीविका के नये आयामों द्वारा समाज मे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाना है।

इस प्रशिक्षण का शुभारम्भ दिनांक 19 फरवरी को प्रो. एस.एन. ओझा, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र डूंगरपूर के मुख्य आतिथ्य एवं महाविद्यालय के विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी प्रो. सुबोध शर्मा की अध्यक्षता एवं विशिष्ट अतिथि डॉं भास्कर प्रसाद देवराड़ी की उपस्थिति में हुआ।

19 से 21 फरवरी तक चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डूंगरपूर जिले के आदिवासी कृषकों ने परियोजना के सहसंयोजक डॉ. बी. के. शर्मा के नेत्त्व मे विभिन्न प्रकार की बहुरंगी मछलियों की प्रजातियों एवं प्रजनन जलीय पौधे एवं उनका उत्पादन, विभिन्न आकार की जलजीवशाला का निर्माण, जलजीवशाला की स्थापना, बहुरंगी मछलियों का परिवहन, एवं जलजीवशाला की आवश्यक वस्तुऐं इत्यादि विषयों पर विषय-विशेषज्ञों की देखरेख में दिनांक 21-23 फरवरी को सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

परियोजना के सहसमन्वयक डा.बी.के.शर्मा ने प्रशिक्षण के दोरान मिले सहयोग के लिए सभी विद्ववान विषय-विशेषज्ञों जिनमे पूर्व अधिष्ठाता डॉ. एल.एल. शर्मा प्रो. एस.के.शर्मा, डॉ. एम.एल.औझा, डॉ. रोशन, श्रीकांत इंगले, थानाराम एवं परियोजना स्वीकृती हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली का आभार व्यक्त किया।

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