
जनार्दनराय नागर राजस्थान विधापीठ के महिला अध्ययन विभाग में दो दिवसीय तकनीकी कम्प्यूटर साक्षरता प्रशिक्षण हुआ जिसमें श्रैय भारती सामुदायिक शिक्षण केन्द्र, साकरोदा केन्द्र के अन्तर्गत आसपास के कई गावों से 25 आदिवासी महिलाओं ने भाग लिया , महिलाओं ने विश्वविद्यालय के बारे में जाना। इन्होने मैनेजमेन्ट , डिपार्टमेन्ट आफ कम्प्यूटर साइन्स एण्ड आर्इ टी. , दूरस्थ शिक्षा निदेशालय तथा इनिजनियरिंग एंव केंद्रीय कार्यालय का भ्रमण किया तथा यहां के कार्य प्रणाली के बारे मे विस्तर से जाना। महिला अध्ययन विभाग की निदेशक डा.मन्जु माण्डोत ने बताया कि पहली बार उनको विश्वविद्यालय देखने का मौका मिला है इन्होने कहा कि हम गाँव में जा कर सभी लोग को उच्च षिक्षा के बारे में बतायेगें ।
उनको महिला अध्ययन में चलने वाले कोर्सेस से जुडने की बात की विश्वविधालय में चलने वाले दूरस्थ शिक्षा से आगे पढार्इ करने की इच्छा जागृत की। कम्प्यूटर चलाना इनको सबसे अच्छा लगा , महिलायें आगे बढेगी तो महिलाऐ रोजगार से जुडेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के वाइस- चांसलर प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने र्इ-मित्र योजनाऐं तथा आन लाइन फार्म भरना इत्यादी आधुनिक तकनीकी कार्यो के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इनको इस प्रकार के तकनीकी कार्यो के लिए महिलाओं को दूसरों पर निर्भर रहना पडता है जिसमें बहुत सारा पैसा व समय खर्च हो जाता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. लक्ष्मी नारायण नन्दवाना, डा. ललित पाण्डेय ने बताया की विधापीठ द्वारा गांव के सभी कम्यूनिटी सेन्टर्स द्वारा इन्टर नेट की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होने अपना काम स्वंय करने की सोची है । विधापीठ विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य गांव गांव ढाणी-ढाणी में शिक्षा उपलब्ध करवाना है इसके लिए जनषिक्षण विभाग कार्य कर रहा है । इस कार्यक्रम में डॉ. मनीश श्रीमाली , देवीलाल गर्ग , तथा साकरोदा केन्द्र प्रभारी राकेश दाधिच आदि उपसिथत थे ।