भीलोड़ी माता मेले में उमड़ा आदिवासियों का हुजूम


भीलोड़ी माता मेले में उमड़ा आदिवासियों का हुजूम

जिले की झाड़ोल तहसील की सेलाना पंचायत में शुक्रवार को भीलोड़ी माता के मेले में आदिवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ मंत्रोच्चार से भीलोड़ी माता का गंगाजल व दुग्धाभिषेक किया गया। दिन भर चले मेले में आदिवासी समुदाय समूह के रूप में शिरकत करते रहे।

 

भीलोड़ी माता मेले में उमड़ा आदिवासियों का हुजूम

जिले की झाड़ोल तहसील की सेलाना पंचायत में शुक्रवार को भीलोड़ी माता के मेले में आदिवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ मंत्रोच्चार से भीलोड़ी माता का गंगाजल व दुग्धाभिषेक किया गया। दिन भर चले मेले में आदिवासी समुदाय समूह के रूप में शिरकत करते रहे।

भीलोड़ी माता सेवा संस्थान द्वारा आयोजित भीलोड़ी माता मेले में प्रात: सात बजे 101 आदिवासी महिलाएं एवं युवतियां अपनी पारम्परिक वेशभूषा में सिर पर कलश लिए ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच महादेव मंदिर से यात्रा प्रारम्भ हुई। करीब दो किमी की दूरी तय कर सेलाना पंचायत में पहाड़ी पर स्थित भीलोड़ी माता मंदिर पर पहुंची जहां पर संस्थान के संस्थापक मनोहरलाल सरूपरिया, प्रेरणा पाथेय मांग बाई सरूपरिया, संस्थान अध्यक्ष डॉ. ब्रिजमोहन गोयल, लक्ष्मण गवार आदि की मौजूदगी में सैंकड़ों आदिवासियों ने भीलोड़ी माता का अभिषेक किया।

उसके बाद पंडित धर्मचंद द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कराई गई। इसके बाद आयोजित समारोह में माकड़ादेव सरपंच होमली डामोर ने शब्दों द्वारा स्वागत किया।

संस्थान के संस्थापक मनोहरलाल सरूपरिया ने मेले में मौजूद सैंकड़ों आदिवासियों को आठ सूत्री शब्द दिलाई, जिसमें मुख्य रूप से व्यसन मुक्त, शिक्षा के प्रति जागरूकता, स्वच्छता अभियान एवं आदिवासियों के उत्थान में हाथ से हाथ मिलाकर आगे बढऩे की शपथ दिलाई। सभी ने दोनों हाथ ऊपर करके शपथ ली।

उदयपुर मुख्यालय से गए भीलोड़ी माता संस्थान के पदाधिकारियों एवं गांव के जन प्रतिनिधियों का लक्ष्मण गवार आमलिया एवं उनकी टीम द्वारा फूल-मालाओं से स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच सरूपरिया द्वारा मेले का आगाज किया। मेले में स्वयंसेवी समूह द्वारा लगाई गई स्टॉलों पर आदिवासियों ने जमकर खरीद-फरोख्त की। वहीं मेले में लगे आमोद-प्रमोद के साधनों का भी जमकर लुत्फ उठाया।

संस्थान के पदाधिकारियों एवं गांव के जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में माता के मंदिर का भंडारा भी खोला गया, जिसमें 9,642 रूपये निकले, जिसे मंदिर परिसर के विकास पर खर्च करने का निर्णय लिया। दिनभर चले मेले में संस्थान की ओर से मेलार्थियों के लिए पीले चावल का परसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणीय रहने वाली युवा प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

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