जनजाति बालकों को भाया शिल्प दर्शन
अलर्ट संस्थान द्वारा दूरस्थ-सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों, ढाणियों में निवास करने वाले जनजाति बालकों को उदयपुर में पश्चिमी सांस्कृतिक केन्द, उदयपुर द्वारा आयोजित किये जा रहे 'शिल्प उत्सव्' में लोक कलाकारों से रू-ब-रू कराया गया।
अलर्ट संस्थान द्वारा दूरस्थ-सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों, ढाणियों में निवास करने वाले जनजाति बालकों को उदयपुर में पश्चिमी सांस्कृतिक केन्द, उदयपुर द्वारा आयोजित किये जा रहे ‘शिल्प उत्सव्’ में लोक कलाकारों से रू-ब-रू कराया गया।
संस्थान के संस्थापक परियोजना प्रबन्धक बी.के. गुप्ता ने बताया कि जनजाति बालकों को देश में अलग-अलग प्रान्तों की कला, जादू, शिल्प-उद्योग एवं संस्कृति तथा कलाकारों से रूबरू कराने के उद्धेश्य से यह शिल्प दर्शन कराया गया। इस दौरान गोगुन्दा के गरासिया बालक-बालिकाओं ने शिल्प मेले में अपनी पारम्पररिक गरासिया वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुति भी दी; जिसे वहां आये लोक कलाकारों ने खूब सराहा।
संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता ने बालकों को अपनी संस्कृति को जिन्दा रखते हुये आत्मविश्वासी बनने की सलाह दी। इस शिल्प दर्शन में गोगुन्दा क्षेत्र के कुल 200 जनजाति बालकों एवं संस्थान टीम सहित 260 लोगों ने भाग लिया। शिल्प दर्शन कार्यक्रम का संचालन संस्थान के समन्वयक टीम के शंकरलाल डांगी एवं लक्ष्मीलाल टेलर ने किया।
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