गीतांजली में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन
गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह रविवार को गीतांजली सभागार में हुआ।
गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह रविवार को गीतांजली सभागार में हुआ।
कार्यशाला के प्रथम वक्ता पेसेफिक कॉलेज ऑफ फार्मेसी के डीन डॉ इंन्द्रजीत सिंह ने शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसमें दवाओं की खोज, स्वास्थ्य में सुधार और समाज को फायदे की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि कई शोध पत्र की अस्वीकृति का कारण उनकी पत्रिका के लिए उपयुक्तता, प्रयोगत्ता की डिजाइन और पुष्टि है। उन्होंने शोध पत्र लिखने से पूर्व कुछ सुझाव भी दिए जैसे पत्रिका को जानना, वर्तनी एवं विराम चिह्न का इस्तेमाल और लापरवाह गलतियों से बचना कहा। उन्होंने बताया कि शोध पत्र लिखते समय आंकड़ों में गड़बड़ी, मिथ्याकरण, डुप्लीकेट पांडुलिपि, टेबल्स, पत्रिका का चयन, अंतरिम एवं सारांश जैसी बातों का ध्यान रखना होता है।
दूसरे वक्ता मुकेश महात्मा ने स्काउटिंग, प्रलेखन और पारंपरिक हर्बल ज्ञान की मुल्य प्रक्रिया और भारतीय फाउंडेशन द्वारा नई पहल के बारे में बात की। उन्होंने एनआईएफ की भूमिका के दस्तावेजीकरण के आदिवासी एवं पारंपरिक हर्बल दवाओं का ज्ञान जो अगली पीढ़ी को ज्ञान का प्रसार व पुरस्कार प्रदान करने में मदद करने की बात कही। अपने तीसरे चरण में उन्होंने क्लीनिकल रिसर्च का परिचय देते हुए क्लीनिकल परीक्षण एवं दवाओं की विकास के चरण की बात प्रस्तुत की। उन्होंने क्लीनिकल परीक्षण के कई प्रकार बताए जिसमें अनुकूली नैदानिक परीक्षण जो कम समय एवं लागत में चिकित्सकीय प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाता है, विभाग नैदानिक संचालन, डेटा प्रबंधन, गुणवत्ता आश्वासन, विनियम आईसीएच और जीसीपी शामिल है।
कार्यशाला के समापन पर पोस्टर प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरित हुए जिसमें प्रथम अनुपमा सिंह सेन्टल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान एवं निकिता हिंज बिट्स पिलानी, द्वितीय पुरस्कार कोमल मनवानी ज्योति विद्यापीठ वुमेन्स यूनिवर्सिटी जयपुर एवं तृतीय पूजा शर्मा मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज चित्तौड़गढ़ और सोनल जैन कोटा कॉलेज ऑफ फार्मेसी कोटा रही। प्रो. उदिचि कटारिया ने कार्यशाला का सारांश एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
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