हनी ट्रैप में पेट्रोल पंप मालिक को ब्लेकमैल करते दो महिला 11 लाख समेत पकड़ी गई, दो वकील भी धरे गए
उदयपुर 21 मई 2019 शहर में हनी ट्रैप कर पेट्रोल पंप मालिक को ब्लैक मेल करने का सनसीखेज मामला सामने आया है। मामले की सूचना मिलने पर एसीबी की टीम ने मौके से ग्यारह लाख रुपये की फिरौती की रकम समेत दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में दो वकीलों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
उदयपुर 21 मई 2019 शहर में हनी ट्रैप कर पेट्रोल पंप मालिक को ब्लैक मेल करने का सनसीखेज मामला सामने आया है। मामले की सूचना मिलने पर एसीबी की टीम ने मौके से ग्यारह लाख रुपये की फिरौती की रकम समेत दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में दो वकीलों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चंद्र विश्नोई ने बताया कि मामले के जांच कर रहे है, आरोपी महिला वंदना और मंजू नामक महिलाएं पेट्रोल पंप मालिक को हनी ट्रैप में फंसाकर ब्लैक मेल कर रही थी, इस माममें में पकडे गए वकीलों अशोक टांक और देवेंद्र कुमावत की भूमिका की भी जांच चल रही है। आरोपी महिला में से एक महिला मैक्स इंशोरेंस कंपनी में कार्यरत बतायी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महिलाओं ने पहले पेट्रोल पंप मालिक को झांसे में लिया और फिर उसके कुछ आपत्तिजनक फ़ोटो लेकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर एसपी के निर्देश पर एएसपी गोपालस्वरूप मेवाड़ा के साथ हाथीपोल थानाधिकारी आदर्श कुमार ने दोनों महिलाओं के मौके से रुपये लेते हुए ट्रेप करने की योजना बनाईं। पुलिस ने कई टीमें बनाई और महिला थाने के आसपास के इलाके में घेरा बंदी कर अपने जाल में फंसाकर महिलाओं और दो वकीलों को मौके से सुखेर थाने लाया गया। महिलाओ को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस इस मामले में और भी पूछताछ कर मामले से जुड़े अन्य लोगो को भी सामने लाने को कोशिश में जुटी है।
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प्राप्त जानकारों के अनुसार उदयपुर शहर में अमीर और उद्योगपतियों को हनी ट्रैप में फंसाने के ऐसे गिरोह सक्रिय है जो टार्गेटेड व्यावसाइयों के यहाँ महिला को अपने प्रेमजाल में फंसाकर व्यावसायी के साथ इंटीमेट होकर उसके आपत्तिजनक वीडियो और रिकॉर्डिंग बनाकर ब्लैकमेल करने का खेल शुरू हो जाता है। जिसमे थाना पुलिस भी शामिल होती है। थाने पर रिपोर्ट आई है यह कहकर व्यवसायी को धमकाया जाता है, और राजीनामा का दबाव डाला जाता है। फिर वकील सौदा कर पैसे मांगते है। अक्सर व्यावसायी बदनामी के डर मोटी रकम दे देते हैं। हालाँकि एएसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने इस गिरोह में पुलिस की मिलीभगत से इनकार कर दिया है।
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