गिट्स में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन


गिट्स में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

गीतांजली इन्स्टिटियूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, उदयपुर में इलेक्ट्रीकल इन्जिनियरिंग विभाग तत्वाधान में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार’’ मल्टीडिस्पलनरी चैलेंज एण्ड़ अर्पोच्युनिटी इन स्मार्ट नेनोग्रिड एण्ड़ व्हीकल टू ग्रिड’’ का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों के दीप प्रज्जवलन से शुरू किया गया।

 
गिट्स में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

गीतांजली इन्स्टिटियूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, उदयपुर में इलेक्ट्रीकल इन्जिनियरिंग विभाग तत्वाधान में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार’’ मल्टीडिस्पलनरी चैलेंज एण्ड़ अर्पोच्युनिटी इन स्मार्ट नेनोग्रिड एण्ड़ व्हीकल टू ग्रिड’’ का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों के दीप प्रज्जवलन से शुरू किया गया।

गिट्स डायरेक्टर डाॅ. विकास मिश्र ने बताय कि देश के आर्थिक विकास में ऊर्जा का बडा योगदान हैं साथ ही क्लीन ऊर्जा का उत्पादन तथा उसका समुचित उपयोगआज भी हमारे लिए चुनौती का विषय हैं पारम्परिक ऊर्जा का बहुत बडा भाग हम टांस्पोर्ट सिस्टम के लिए उपयोग करते हैं। इन्हीं सब समस्याओं से लोगों को जागरूक करने के लिए डाॅ. पी.सी. बापना (डीन एकेडमिक व हेड इलेक्ट्रीकल इन्जिनियरिंग) के सानिध्य में इस अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में डाॅ. अक्षय कुमार राठौड (डिपार्टमेन्ट आॅफ इलेक्ट्रीकल एण्ड कम्प्यूटर इन्जिनियरिंग, कार्नोडिया विश्वविद्यालय, कनाडा) तथा डाॅ. नवीन जैन (एसोसियट प्रोफेसर इलेक्ट्रीकल इन्जिनियरिंग, महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी आॅफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलाॅजी, उदयपुर) ने अपने विचार रखें।

इस सेमिनार में अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत जैसे देश में सौलर एनर्जी की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता हैं जबकि अन्य देशों में पाॅवर के लिए बेट्री पर निर्भर रहना पड़ता हैं सिंगापुर जैसे देश में दस साल में भी पांच मिनट के लिए भी बिजली कटौती नहीं होती हैं जबकि सिंगापुर में सूरज के दर्शन दस – दस दिन तक नही होते है विकसित देशों की तरह भारत में भी माइक्रोग्रिड बनाने होंगे जो व्यस्त समय में मुख्य ग्रिड से ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकें। ये माइक्रोग्रिड ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ सीधे ग्राहकों के पहुँच में होती हैं साथ ही स्मार्ट मीटर तकनीक को अपनाना होगा। जिससे ग्राहक सीधे इस तकनीक से जुड सकें। हर नागरिक का यह अधिकार हैं कि उसने कितना ऊर्जा का उपयोग किया हैं तथा उसका कितना भुगतान करना हैं का पता चल सकें। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी. एल. जांगिड़, सभी विभागाध्यक्ष सहित गिट्स परिवार ने इस सेमिनार का लाभ उठाया। इसके अलावा पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर, केरियर पोईंट यूनिवर्सिटी कोटा तथा महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी आॅफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलाॅजी, उदयपुर के संघटक काॅलेज सी.टी.ए.ई. के विद्यार्थी इस सेमिनार के ज्ञान से ओत-प्रोत हुए। कार्यक्रम का संचालन अंजली धाबाई द्वारा किया गया।

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