शिल्पग्राम में दो दिवसीय ‘‘मल्हार’’ 25 अगस्त से
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आगामी 25 व 26 अगस्त को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘मल्हार’’ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें पहले दिन ‘‘क्लासिकंल फ्यूज़न’’ तथा गुरू कनक सुधाकर के निर्देशन में नृत्य नाटिका ‘‘कृष्ण गंगा’’ मुख् आकर्षण होगी।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आगामी 25 व 26 अगस्त को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘मल्हार’’ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें पहले दिन ‘‘क्लासिकंल फ्यूज़न’’ तथा गुरू कनक सुधाकर के निर्देशन में नृत्य नाटिका ‘‘कृष्ण गंगा’’ मुख् आकर्षण होगी।
केन्द्र निदेशक श्री फुरकान ख़ान ने इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों में शास्त्रीय कलाओं के प्रति रूझान पैदा करने तथा भारतीय कलाओं में निहित शास्त्रीय पुट को लोगों के मध्य लाने के ध्येय से केन्द्र द्वारा ‘‘मल्हार’’ की परिकल्पना की गई है। मल्हार एक ओर जहां शास्त्रीय राग का नाम है वहीं यह ऋतु से भी जुड़ा है जो श्रावण-भादों के हरित वातावरण में एक सुखद अनुभूति देता है। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय समारोह की पहली सांझ 25 अगस्त को नई दिल्ली से शास्त्रीय फ्यूज़न कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस दल द्वारा शास्त्रीय रागों के साथ एक अनूठा सम्मिलन प्रस्तुत किया जायेगा। जिसमें गायन व वादन का अनूठा संगम होगा। जिसमें कंठ संगीत के साथ-साथ सितार, बाँसुरी, तबला तथा मृदंगम का भी प्रयोग कर फ्यूज़न तैयार किया गया है।
पहले दिन ही प्रख्यात नृत्यांगना गुरू कनक सुधाकर के निर्देशन में उनकी शिष्यों द्वारा नृत्य नाटिका ‘‘कृष्ण गंगा’’ प्रदर्शित की जायेगी। गुरू कनक सुधाकर भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी की वरिष्ठ नृत्यांगना है जिन्होंने भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा आपने विदेशों में भारत की शास्त्रीय कलाओं का प्रदर्शन कर भारत की शास्त्रीय नृत्य शैलियों का प्रसार किया है। आपने भरतनाट्य की शिक्षा गुरू वीपी व शांता धनन्जयन्स, गुरू सदाशिवम तथा गुरू कलानिधी नारायण से प्राप्त की तथा कुचिपुड़ी में सुधाकर गुरू सीता नागज्योति तथा गुरू मूर्ति की शिष्या रही हैं। इन्होंने एक हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को भरतनाट्यम का प्रशिक्षण दिया जो आज भारत सरकार की विभिन्न कला योजनाओं से जुड़े हैं तथा विभिन्न मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।
गुरू कनक सुधाकर को स्वामी विवेकानन्द नेशनल एवार्ड, भारत एक्सीलैंन्सी एवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेन्ट एवार्ड नृत्य भूषण के साथ-साथ संस्कृति मंत्रालय द्वारा फैलोशिप प्रदान की गई है। कनक सुधाकर द्वारा भरतनाट्यम पर डीवीडी ‘‘नृत्तम’’ (एन अंडरस्टेण्डिंग ऑफ भरतनाट्यम अडावू) तथा यौगिक एरोबिक्स का निर्माण किया तथा पुस्तकों का लेखन किया है।
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