नगर नियोजन एवं नागरिकता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला


नगर नियोजन एवं नागरिकता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

केन्द्रीय आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि विकास के तमाम आयामों की आम तबके तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में गुणात्मक शिक्षा, रोजगार की उपलब्धता, सामाजिक सुधार कार्यक्रम एवं विकासोन्मुखी कार्यक्रमों की बेहतरीन क्रियान्विति की ओर ध्यान देना होगा। यही गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपने की सच्ची परिणति होगी।

 

केन्द्रीय आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि विकास के तमाम आयामों की आम तबके तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में गुणात्मक शिक्षा, रोजगार की उपलब्धता, सामाजिक सुधार कार्यक्रम एवं विकासोन्मुखी कार्यक्रमों की बेहतरीन क्रियान्विति की ओर ध्यान देना होगा।  यही गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपने की सच्ची परिणति होगी।

डॉ. व्यास आज उदयपुर में विद्या भवन सोसायटी के तत्वाधान में आयोजित नगर नियोजन संदर्भ में नागरिकता विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि बढते शहरीकरण के दौर में आवासीय समस्या बडी चुनौती है, उसके निराकरण के लिए 3000 करोड की राजीव गांधी आवासन योजना देश भर में लागू की जा रही है। इसी प्रकार अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि को 25 हजार से बढाकर 75 हजार करने की योजना भी प्रस्तावित है।

डॉ. व्यास ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में शहरीकरण तेजी से हुआ है लेकिन वहॉ आधारभूत सुविधाओं की समस्याओं से निजात नहीं मिली है।  शहरीकरण के दौर में आवास की समस्या के प्रभावी निराकरण के लिए हमें देश में ग्राम, कस्बों एवं शहर विकास की कार्य योजना लागू करने की आवश्यकता है। इससे जहॉ ग्रमीण व शहरी क्षेत्र का समग्र विकास होगा वहीं स्थानीय लोगों का पलायन भी रुकेगा। डॉ. व्यास ने कहा कि उदयपुर एक खुबसूरत शहर है, इसे अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल की स्थायी पहचान दिलाने के लिए और प्रभावी प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि देश में अमीर व गरीब के बीच अधिक फासला न बढे इसे ध्यान में रखते हुए भारत में शहरीकरण एवं नागरिकता की आवश्यकता महसूस की है। देश में फ्लेगशिप योजनाओं को प्रभावी ढंग से संचालित कर समुदाय को रोजगार एवं विकास के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराए गए हैं वहीं आमजन की आवश्यकताओं को पूरा करने का दायित्व केन्द्र व राजस्थान सरकार बखूबी निभा रही है।

शहरी विकास मंत्रालय के सलाहकार एच.एस.संचेती ने कहा कि वर्तमान में देश की 31.16 तथा राज्य की 24.89 फीसदी आबादी शहरों में निवासरत है, ऐसे में शहरीकरण के विकासोन्मुखी मापदण्डों को पूर्ण परीक्षण व प्रभावी जनभागीदारी के साथ लागू करने की जरुरत है। हमें शहरों के ढांचागत विकास पर भी विशेष ध्यान देना होगा।

इस अवसर पर विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य अनिल मेहता ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। आरंभ में स्वागत उद्बोधन विद्याभवन सोसायटी के अध्यक्ष रियाज तहसीन ने दिया।

इस मौके पर पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव अदिति मेहता, यूआईटी सचिव डॉ. आर.पी.शर्मा सहित गणमान्य लोग एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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