अरावली संरक्षण को लेकर उदयपुर के अधिवक्ता सड़कों पर उतरे
उदयपुर 20 दिसंबर 2025। अरावली पर्वतमाला को बचाने की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। शनिवार को ज़िला बार एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में अधिवक्ता सड़कों पर उतरे और अरावली पहाड़ियों को प्रभावित करने वाली गतिविधियों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।
अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर से रैली की शुरुआत की और नारेबाजी करते हुए शांतिपूर्वक जिला कलेक्टरेट पहुंचे। वहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी दीपेंद्र सिंह को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा के लिए सख्त और त्वरित कदम उठाने की मांग की।
कलेक्टरेट के बाहर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अरावली सिर्फ पहाड़ियों की श्रृंखला नहीं, बल्कि मेवाड़ की पहचान, पर्यावरण की ढाल और जल संसाधनों की प्रमुख जीवनरेखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अरावली के कमजोर होने से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ेगा, वर्षा और भूजल स्तर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और आने वाली पीढ़ियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
इस मौके पर बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष जितेंद्र जैन ने कहा कि विकास किसी भी राज्य के लिए आवश्यक है, लेकिन किसी भी कीमत पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं है। अरावली से जुड़े हर फैसले को स्थानीय भावनाओं और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर ही लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो इस आंदोलन को राज्य स्तर तक भी ले जाया जाएगा।
इस मौके पर उदयपुर के अधिवक्ता मनीष शर्मा, पूर्व अध्यक्ष रमेश नंदवाना, शंभू सिंह राठौड़, राव रतन सिंह, विष्णु शंकर पालीवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश सिंघवी, चक्रवर्ती सिंह राठौड़, चंद्रभान सिंह शक्तावत, राकेश मोगरा, राम कृपा शर्मा और कमलेश दवे ने भी अपने विचार रखे। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में युवा अधिवक्ता भी मौजूद रहे।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में अरावली पर्वतमाला के संरक्षण की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया है और अब विधि समुदाय के जुड़ने से यह स्पष्ट हो गया है कि अरावली को बचाने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग एकजुट हैं।
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