मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान बन सकता है पोटास, फॉस्फेट तथा गैस के प्रचूर भण्डारों से पर्याप्त उर्वरक : अनिल अग्रवाल
मुख्यमंत्री, राजस्थान के कुशल नेत्त्व में राजस्थान, पोटास, फॉस्फेट तथा गैस के प्रचूर भण्डारों से पर्याप्त उर्वरक बनाने में सक्षम। आयात खर्च में भारी कटौती संभव।
मुख्यमंत्री, राजस्थान के कुशल नेत्त्व में राजस्थान, पोटास, फॉस्फेट तथा गैस के प्रचूर भण्डारों से पर्याप्त उर्वरक बनाने में सक्षम। आयात खर्च में भारी कटौती संभव।
– अनिल अग्रवाल, चेयमैन, वेदान्ता ग्रुप
भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है तथा पर्याप्त मात्रा में उर्वरक का उत्पादन एवं उपलब्धता भारत के किसानों के लिए बेहद जरूरी है। यह भी सच है कि भारत दुनिया का उर्वरक उत्पादन एवं खपत में तीसरा बड़ा राष्ट्र है। इसलिए किसानों के हित में भारत सरकार ने उवर्रक में सबसिडी का प्रावधान रखा है।
गौरतलब है कि उवर्रक के क्षेत्र में भारत अधिकतर आयात पर निर्भर करता है। लगभग 100 प्रतिषत पोटास तथा 90 प्रतिषत फॉस्फेट आयात से आता है। भारत तकरीबन एक तिहाई युरिया भी आयात करता है।
भारत में राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां पोटास, फॉस्फेट तथा गैस के प्रचूर भण्डार है तथा भारत के किसानों के लिए, जो सस्ती उर्वरक चाहते है, उपलब्ध हो सकते है। भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग के अनुसार राजस्थान में नागौर तथा गंगानगर के बीच तकरीबन 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पोटास होने के प्रमाण मिले है। क्योंकि भारत में पोटास का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए पोटास के इन प्रचूर भण्डारों को विकसित तथा उपयोग कर महत्वपूर्ण उर्वरक आपूर्ति की जा सकती है तथा बहुमूल्य आयात खर्च बचाया जा सकता है।
भारत में रॉकफॉस्फेट के तकरीबन 250 मिलियन टन भण्डार भी उपलब्ध है जिसमें से तकरीबन 150 मिलियन टन उर्वरक के इस्तेमाल में योग्य है। गौरतलब है कि 150 मिलियन टन में से मात्र राजस्थान में 80 मिलियन टन सुरक्षित भण्डार उपलब्ध है।
भारत तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये की उर्वरक का आयात करता है। इसके अतिरिक्त तकरीबन 70,000 करोड़ की भारतीय किसानो को सबसिडी दी जा रही है। अगर सरकार गैस के दाम 4/- रु. प्रति मिलियन ब्रिटीस थर्मल यूनिट बढ़ा देती है तो यह तकरीबन 40,000 करोड़ रुपयें का अतिरिक्त भार सरकार पर डलेगा जिससे उर्वरक सबसिडी 1,05,000 करोड़ रुपये तक पहुचने की संभावना है।
मुख्यमंत्री, राजस्थान के कुषल नेृत्त्व में, किसानों के हित के लिए, तथा उर्वरक के आयात पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए, तथा साथ ही उर्वरक सबसिडी को भी कम करने के लिए यह जरूरी है कि हम राजस्थान पोटास, फॉस्फेट तथा गैस भण्डारों को विकसित करे तथा उर्वरक के उत्पादन पर जोर दे।
साथ ही इस कदम से राज्य में अभूतपूर्व रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे तथा बेरोजगारी दूर हो सकेगी।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal