स्वस्थ रहने के लिए शरीर की संरचना को समझेंः सुप्रकाशमति


स्वस्थ रहने के लिए शरीर की संरचना को समझेंः सुप्रकाशमति

गणिनी आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर की संरचना को समझना चाहिये और जो इस संरचना को नहीं समझ पाता है वह अनेक बामारियों से ग्रसित रहता है।

 
स्वस्थ रहने के लिए शरीर की संरचना को समझेंः सुप्रकाशमति

गणिनी आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर की संरचना को समझना चाहिये और जो इस संरचना को नहीं समझ पाता है वह अनेक बामारियों से ग्रसित रहता है।

वे आज हिरणमगरी से .4 स्थित नागेन्द्रा भवन में आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि उम्र के चार पड़ाव, बाल्यकाल, युवा, प्रोढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था की संरचना अलग-अलग होती है। जिसने इस संरचना को समझ लिया वह आजीवन स्वस्थ रहेगा।

उन्होनें कहा कि शरीर संरचना, दिनचर्या एवं आत्मा साधना तीनों एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। यदि मनुष्य इसको समझ ले तो नर नारायण बन सकता है और यही है नर में नारायण बनने की कला। भगवान महावीर एवं बुद्ध ने सबसे पहले इन्हीं चीजो को समझा और बाद में इसी जीवन जीने की कला को अनाया। उन्होेंने कहा कि मनुष्य के कम खाने पर वह अत्यधिक खाने की तुलना में स्वस्थ रहेगां।

सुरेन्द्र पदमावत ने बताया कि गुरू मां का अगला पड़ा पायडा़ क्षेत्र रहेगा। गुरू मां 13 से 15 तारीख तक वहीं रहेगी। पायड़ा में संस्कार यात्रा के स्वागत के लिये तैयारिया की जा रही है।

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