अणुशक्ति का उपयोग मानव हित में हो, विनाश के लिए नहीं
इनरव्हील क्लब, उदयपुर द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, रेजीडेन्सी में हिरोशिमा दिवस के अवसर पर वार्ता आयोजित की गई। जिसके मुख्य वक्ता राजस्थान विद्यापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिन्सीपल एंव भज्ञैतिक शास्त्री डॅा. कमलप्रकाश तलेसरा थे।
इनरव्हील क्लब, उदयपुर द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, रेजीडेन्सी में हिरोशिमा दिवस के अवसर पर वार्ता आयोजित की गई। जिसके मुख्य वक्ता राजस्थान विद्यापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिन्सीपल एंव भज्ञैतिक शास्त्री डॅा. कमलप्रकाश तलेसरा थे।
लगभग 500 छात्राओं की उपस्थिति के बीच डॉ. तलेसरा ने बताया कि 6 अगस्त, 1945 सोमवार प्रात: 8:15 बजे जापान के हिरोशिमा शहर पर लिटिल बम नाम से यूरेनियम 235 युक्त 20,000 टीएनटी क्षमता का अणुबम बी-29 पन्द्रह सौ फीट की ऊँचाई से डाला गया। इस अणु बम से छत्ते की आकार का विशाल धुँऐं की गुब्बारा उठा, जिसने 5 किलोमीटर रेडियस में तबाही का ताण्डव बरसाया। ईंटे व धातु पिघलने लगे। मानव शरीर काले पडऩे लगे। 80,000 व्यक्ति काल कलवित हो गये।
इसी क्रम में 9 अगस्त, 1945 को प्लूटोनियम 239 फ्लेटमेन नाम का बम नागाशाकी शहर पर डाला गया। इसमें 1,50,000 व्यक्ति मारे गये। यह दिन दुनिया में इसलिए मनाया जाता है कि इस प्रकार का नरसंहार भविष्य में न हो और इस ऊर्जा का उपयोग मानव के उन्नति के लिए किया जाये।
2013 के आँकड़ों के अनुसार विभिन्न देशों के पास अणुबम व हाइड्रोजन बम हैं, जिनमें यू एस ए आर 8500, यू एस ए 770, फ्रान्स 300, चाइना 250, यू के$ 225, पाकिस्तान 120, भारत 110, इजराइल 80 तथा नार्थ कोरिया के पास 10 बम है।
इस विभिषिका को दर्शाने हेतु छात्राओं के मध्य पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें छात्राओं ने इस विभिषिका को बहुत मार्मिक रूप से दर्शाया। विजेता छात्राओं को पुरस्कार दिये गये।
इस अवसर पर अध्यक्ष शकुन्तला धाकड़, सचिव स्नेहलता साबला, अरूणा जावरिया, सोनल खमेसरा, सुन्दरी छतवानी, साधना मेहता ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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