व्रत-नियम आराधना में उपयोगी: सौभाग्य मुनि


व्रत-नियम आराधना में उपयोगी: सौभाग्य मुनि

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि 'कुमुद' ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों में व्रत नियम की आराधना महत्वपूर्ण आराधना है। ये आराधना दैहिक और आत्मिक दोनों दृष्टियों से अत्यन्त उपयोगी है। व्रत नियमों की आराधना साधना से आत्म शुद्धि का लाभ तो होता है ही लेकिन स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ भी कम नहीं है।

 
व्रत-नियम आराधना में उपयोगी: सौभाग्य मुनि

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि ‘कुमुद’ ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों में व्रत नियम की आराधना महत्वपूर्ण आराधना है। ये आराधना दैहिक और आत्मिक दोनों दृष्टियों से अत्यन्त उपयोगी है। व्रत नियमों की आराधना साधना से आत्म शुद्धि का लाभ तो होता है ही लेकिन स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ भी कम नहीं है।

वे आज पंचायती नोहरे में आयोजित विशाल धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि प्रकृति में जितना भी जहरीला अंश है वह रात्रि को ही जाग्रत होता हैं और सक्रिय हो जाता है। सर्प रात को ही अधिक बाहर आते है, मच्छर रात को ही अधिक भिन-भिनाते है। दिन में सूर्य के प्रकाश से सारा विषांश मूर्छित रहता है। रात को जग उठता है।

उन्होनें बताया कि अणु परमाणुओ में भी जो विषैले कण है, रात्रि को ही अधिक प्रवाहक होते है इसी लिये शास्त्रो में रात्रिं भोजन को वर्जित कहा है। रात्रि भोजन का त्याग धार्मिक अनुष्ठान तो है ही स्वास्थ्य के लियें भी महत्व पूर्ण प्रयास है। ऐसे ही अन्य त्याग, नियम, व्रत जीतने भी है वे सभी सम्पूर्ण जीवन शुद्धि और सुरक्षा के साधन है उन्हे भार स्वरूप या निरर्थक नही समझना चाहिये। उन्होनें कहा कि बताया कि अमर्यादित जीवन अनेक संकट पैदा कर देता है।

आज जन जीवन में जो अशान्ति और संक्लेश व्याप्त है उनके पीछे मर्यादा हीनता भी एक मुख्य कारण है। नियम व्रत जीवन को मर्यादित स्परूप प्रदान करता हैं अत: नियम व्रतो की परिभाषा ठीक तरह से समझकर उनका अनुकरण करना चाहिये। बिना सोचे समझे व्रत नियमो को व्यर्थ कह देना एक मूर्खता होगी। हमारी भारतीय संस्कृति एक महान संस्कृति के रूप में पहचानी जाती हैं। व्रत नियम और तपश्चर्या पर कियेे जाने वाले आक्षेपो के सारे आरोप बेसमझी से परिपूर्ण हैं। यदि आक्षेप करने वाला तपश्चर्या और व्रत नियतों की पूर्ण समझ प्राप्त करले तो ऐसे खंडऩ करने या आक्षेप करने कि जरूरत नही रहेगी। सारे विधि विधान स्वास्थ्य नियम के अनुकुल और धर्म से परिपूर्ण है।

संघ अध्यक्ष वीरेन्द्र डांगी ने बताया कि आज महावीर स्वाध्याय केन्द्र का त्रिदिवसीय शिविर संपन्न हुआ। लगभग एक सौ शिविरार्थियों ने ज्ञानार्जन किया। अध्यापन कराने में विजयराज मेहता आदि तीन अध्यापकों नें पूर्ण सहयोग किया। स्थानीय श्रावक संघ ने स्वाध्यायियो का भावभीना अभिनन्दन किया। साथ ही प्रभावना वितरण कर सम्मान प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन हिम्मत बड़ाला ने किया।

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