त्रिकोणीय संघर्ष में फँसी वल्लभनगर सीट

त्रिकोणीय संघर्ष में फँसी वल्लभनगर सीट

गुलाब सिंह शक्तावत के वर्चस्व वाली और हॉट कही जाने वाली वल्लभनगर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। 2013 में भाजपा के पुराने खिलाडी ने नई टीम (जनता सेना) बनाकर मोदी लहर में भी भाजपा प्रत्याशी गणपत मेनारिया की ज़मानत ज़ब्त करवाते हुए कांग्रेस के गजेंद्र सिंह शक्तावत पर 13167 वोटो से हराकर मैदान मार लिया था। इस बार भी खेल वहीँ है खिलाड़ी भी लगभग वही है, बस भाजपा की ओर से इस बार गणपत मेनारिया की बजाय वल्लभनगर की पिच पर उदयलाल डांगी को बल्लेबाज़ी के लिए उतारा गया है। अब देखना होगा वल्लभनगर की बल खाती पिच पर वह कितना टिक पाते है।

 

त्रिकोणीय संघर्ष में फँसी वल्लभनगर सीट

गुलाब सिंह शक्तावत के वर्चस्व वाली और हॉट कही जाने वाली वल्लभनगर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। 2013 में भाजपा के पुराने खिलाडी ने नई टीम (जनता सेना) बनाकर मोदी लहर में भी भाजपा प्रत्याशी गणपत मेनारिया की ज़मानत ज़ब्त करवाते हुए कांग्रेस के गजेंद्र सिंह शक्तावत पर 13167 वोटो से हराकर मैदान मार लिया था। इस बार भी खेल वहीँ है खिलाड़ी भी लगभग वही है, बस भाजपा की ओर से इस बार गणपत मेनारिया की बजाय वल्लभनगर की पिच पर उदयलाल डांगी को बल्लेबाज़ी के लिए उतारा गया है। अब देखना होगा वल्लभनगर की बल खाती पिच पर वह कितना टिक पाते है।

वल्लभनगर के त्रिकोणीय मुकाबले में एक दिलचस्प बात यह है की भाजपा अगर मज़बूत होती है तो इसका फायदा कांग्रेस के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत जो की 2008-2013 में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है और इसी क्षेत्र से छह विधायक और पूर्व की कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री रह चुके कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत के सुपुत्र को मिलता दिखाई दे रहा है। हालाँकि महाराज रणधीर सिंह भिंडर अभी भी कड़ी चुनौती बन कर खड़े हुए है।

वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह शक्तावत, जनता सेना के महाराजा रणधीर सिंह भीण्डर, भारतीय जनता पार्टी के उदयलाल डांगी के अलावा बहुजन समाज पार्टी के मुकेश, शिवसेना के पन्नालाल और निर्दलीय के रूप में दूदा डांगी और बाबरू मीणा भी मैदान में है।

                क्या कहता है वल्लभनगर सीट का पुराना रेकॉर्ड्

2013 तक इस सीट से 14 बार चुनाव हो चुके है। इनमे से कांग्रेस के गुलाब सिंह शक्तावत 6 बार इस सीट से परचम लहरा चुके है। एक बार स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत के पुत्र और वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत भी 2008 में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके है। जनता सेना के सुप्रीमो महाराजा रणधीरसिंह भींडर भी 2003 में भाजपा के टिकट पर 2013 में जनता सेना के टिकट पर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस के गुलाब सिंह शक्तावत ने जनसंघ के प्रत्याशी को 8966 वोटो से परास्त किया था। उसके कांग्रेस के हरिप्रसाद परमार ने भारतीय जनसंघ के हरिसिंह को 11623 मतों से विजय हासिल की थी,जबकि 1962 में स्वतंत्र पार्टी के अमरलाल यादव ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 1967 में पुनः कांग्रेस के गुलाबसिंह शक्तावत ने मात्र 875 वोटो से भारतीय जनसंघ के कमलेन्द्र सिंह पर बढ़त हासिल की थी।

Download the UT Android App for more news and updates from Udaipur

1977 की जनता लहर में जनता पार्टी के उम्मीदवार कमलेन्द्र सिंह ने गुलाब सिंह शक्तावत को 24723 मतों से परास्त किया था। 1980 के मध्यावधि चुनाव में भी कमलेन्द्र सिंह ने 2049 मतों से गुलाब सिंह शक्तावत को पछाड़ कर अपना कब्ज़ा बरकरार रखा। 1985 में गुलाब सिंह शक्तावत ने जनता पार्टी के कमलेन्द्र सिंह को 14661 मतों से मात दी। 1990 में कमलेन्द्र सिंह ने वी पी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस के गुलाब सिंह शक्तावत को 8173 मतों से शिकस्त दी।

1993 के मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस के गुलाबसिंह शक्तावत ने भाजपा के महाराजा रणधीर सिंह भिंडर को 8275 मतों से एवं 1998 में भी गुलाब सिंह शक्तावत ने भाजपा के महाराजा रणधीर सिंह भींडर को 4004 मतों से जीत दर्ज कर दी थी हालाँकि 2003 में स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत अपनी आखिरी चुनाव भाजपा के महाराजा रणधीरसिंह भींडर से 32101 के भारी अंतराल से हार गए। 2008 में महाराजा रणधीर सिंह भींडर भी स्वर्गीय गुलाबसिंह शक्तावत के सुपुत्र गजेंद्र सिंह शक्तावत ने कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के रणधीर सिंह भिंडर को 6660 मतों से हराया।

पिछली विधानसभा 2013 के चुनाव में भाजपा ने महाराजा रणधीर सिंह भींडर का टिकट काट दिया। जिससे खिन्न होकर महाराजा ने नई पार्टी का गठन किया और जनता सेना बना डाली। नई नवेली पार्टी जनता सेना में मोदी लहर के बावजूद भी कांग्रेस के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत को 13167 मतों से विजय श्री हासिल करते हुए भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे पुराने कांग्रेसी गणपत लाल मेनारिया की ज़मानत तक ज़ब्त करवा ली थी।

इस बार भाजपा ने इस सीट से उदयलाल डांगी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की ओर से पुनः गजेंद्र सिंह शक्तावत और जनता सेना की ओर से महाराजा रणधीर सिंह मैदान में है। मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है। हालाँकि यदि पुराने आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो इसे सीट से राजपूत उम्मीदवार ही बाज़ी मारता नज़र आया है। जातीय संरचना पर नज़र डाले तो करीब 21.48% अनुसूचित जनजाति और 8.80% अनुसूचित जाति के मतदाता इस क्षेत्र में है जबकि 70 फीसदी मतदाता स्वर्ण और ओबीसी है जिनमे से ज़्यादातर रावत, ब्राह्मण है बाकि जातियों में जैन, डांगी, मुस्लिम और बोहरा समाज शामिल है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal