खुले अधिवेशन में विभिन्न प्रस्ताव पारित


खुले अधिवेशन में विभिन्न प्रस्ताव पारित

“सरकार द्वारा जारी विभिन्न नियमों की जानकारी प्रत्येक शिक्षक को होनी चाहिए जिसमें उन पर अन्याय न हो सके। शिक्षक को चाहिए कि वे अपने हक की बात तार्किक आधार पर रखें”। - ये विचार प्रधानाचार्य नरेश डांगी ने राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के जिला सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए।

 
खुले अधिवेशन में विभिन्न प्रस्ताव पारित

“सरकार द्वारा जारी विभिन्न नियमों की जानकारी प्रत्येक शिक्षक को होनी चाहिए जिसमें उन पर अन्याय न हो सके। शिक्षक को चाहिए कि वे अपने हक की बात तार्किक आधार पर रखें”। – ये विचार प्रधानाचार्य नरेश डांगी ने राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के जिला सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए।

यह जानकारी देते हुए जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता ने बताया कि प्राचार्य बसन्तीलाल जैन ने अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षकों को अपने कर्तव्य पर पूरी तरह कृत संकल्पित रहने की बात कही।

समारोह के प्रारम्भ में जिलाध्यक्ष भौमसिंह चुण्डावत ने स्वागत उद्बोधन करते हुए संगठन के प्रति कर्मठता का आह्वान किया।

वरिष्ठ शिक्षक नेता शंकर वया ने कहा कि शिक्षक अपनी कमजोरी निकाले तथा संगठन को मजबूत करें। समय की पाबंदी तथा अनुशासन शिक्षक के लिए अत्यन्त ही आवश्यक है।

इस अवसर पर प्रान्तीय उपाध्यक्ष प्रकाश वया पूर्व जिलाध्यक्ष पुरूषोत्तम दवे ने भी संबोधित किया। चन्द्रशेखर परसाई ने मधुर गीत प्रस्तुत किया। संयोजन जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता ने किया।

खुला अधिवेशन की अध्यक्षता सभाध्यक्ष जगदीश सुथार ने की। प्रस्ताव जो खुले अधिवेशन में पारित किये गए –

  • शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य न कराये जावें।
  • पौषाहार से शिक्षकों को मुक्त करें।
  • वित्त विभाग के आदेश हिन्दी में भी जारी हो।
  • पदोन्नति से पूर्व रिक्त पदों की सूची प्रकाशित हो।
  • विभाग में नई योजना निकालने से पूर्व मंथन हो।
  • शारीरिक शिक्षकों तथा वाणिज्य विषय की भी द्वितीय वेतन श्रृंखला में पदोन्नति हो।
  • स्थानान्तरण नीति बनावें।
  • एक मुश्त वेतन बजट तथा शून्य आधारित टी.ए. मेडिकल बजट जारी हो।
  • व्याख्याताओं तथा संस्कृत शिक्षा की लम्बित मांगे पूरी हो।
  • संगठन को मान्यता दी जावे।
  • शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं हो।
  • छात्र शिक्षक अनुपात उचित रखा जावें।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को सभी विद्यालय में भरा जावे।
  • विद्यालय समय 9.30 से 3.30 किया जावे।
  • पूल बजट के शिक्षकों का निकटस्थ समायोजन हो।
  • कर्मचारियों की जमा राशि शेयर बाजार में नहीं लगाई जावे।
  • अनिवार्य शिक्षा के अन्तर्गत समस्त प्रावधानों की पूर्ति हो।
  • परीक्षा व्यवसायी राशि बढ़ावे।
  • शिक्षा को पंचायती राज से मुक्त करें।

प्रस्ताव देने वालों में भैरूलाल तेली, दुष्यन्त कुमावत, शम्भुसिंह आसोलिया, संजय गहलोत, महिपालसिंह, शोभालाल सुथार, नरेश नागदा, गजानन्द, शिवसिंह आदि शामिल हैं।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags