वेदांता ने किया 34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रीसाइकल


वेदांता ने किया 34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रीसाइकल

विश्व स्तर पर विविध प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति करने वाली कंपनी वेदांता और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत अप्रैल 2014 से जनवरी 2015 के दौरान 34 एमसीएम (34 बिलियन लीटर्स) पानी की रीसाइक्लिंग की गई है जो इस्तेमाल किए गए पानी का 22 फीसदी भाग है।

 

वेदांता ने किया 34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रीसाइकल

विश्व स्तर पर विविध प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति करने वाली कंपनी वेदांता और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत अप्रैल 2014 से जनवरी 2015 के दौरान 34 एमसीएम (34 बिलियन लीटर्स) पानी की रीसाइक्लिंग की गई है जो इस्तेमाल किए गए पानी का 22 फीसदी भाग है।

वेदांता समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम एलबेनिस ने कहा कि जल संरक्षण व उसका प्रबंधन हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है और नई व मौजूदा परियोजनाओं के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में इसे काफी अहम माना जाता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 100 प्रतिशत रीसर्कुलेशन के माध्यम से अपने सभी कार्यस्थलों पर जीरो डिस्चार्ज को पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे ऑपरेशन से कोई प्राकृतिक जल संसाधन प्रभावित नहीं होगा।

वेदांता समूह नें सेफ वॉटर, सेनिटेशन व हाइजिन (डब्लूएएसए) को उपलब्ध कराने के प्लेज पर हस्ताक्षर करके स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के आह्वान को गुंजायमान किया है। डब्लूएएसएच प्लेज की शुरुआत वल्र्ड बिजनेस काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (डब्लूबीसीएसडी) द्वारा की गई है।

ओडिशा के लांजीगढ़ में स्थित वेदांता की जीरो डिस्चार्ज सिस्टम वाली भारत की पहली एल्यूमीनियम रिफाइनरी है जिससे बाहरी जल के उपयोग को 60 फीसदी तक कम करने में मदद मिलती है।

भारत एल्युमिनियम कंपनी (बाल्को), छत्तीसगढ़ वेदांता की सहायक कंपनी अपने बिजनेस ऑपरेशन नें डाइक वॉटर रिसर्कुलेश पम्प्स की विश्वसनीयता में सुधार करके ताजे पानी के खपत को 13 फीसदी तक कम किया है। राजस्थान में वेदांता के हिंदुस्तान जिंक लि. (एचजेडएल) ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर उदयपुर के पहले डोमेस्टिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की शुरूआत की है और अपने प्लांट के संचालन हेतु नगरपालिका के अपशिष्ट जल को फिर से प्रयोग करती है।

इसके अलावा, एचजेडएल ने अपने पहले ऐडियाबैटिक कूलिंग टावर्स की स्थापना भी की है जो टॉवर कूलिंग में पानी की सामान्य आवश्यकता को लगभग 80 फीसदी तक कम कर देता है।

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