geetanjali-udaipurtimes

शिल्पग्राम उत्सव का चमकदार व धमकदार समापन

म्यूजिकल सिंफनी ने नए अंदाज में बांधा समां
 | 

उदयपुर 30 दिसंबर 2025। म्यूजिकल सिंफनी में शामिल करीब तीन दर्जन लोक वाद्ययंत्रों ने जब शिल्पग्राम की फिजाओं में धमकदार संगीत को घोला, तो श्रोता सम्मोहित से हो गए।  विभिन्न राज्यों के फोक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स सारंगी, बांसुरी, मादल, रबाब, मोरचंग और पुंग ने जब एक दूसरे से सवाल-जवाब करने के अंदाज में ताल मिलाई तो समूचा तमाम सामयीन मंत्रमुग्ध हो वाह-वाह कर उठे।  जिसने भी सिंफनी को इस नए रूप में देखा और सुना, वह दिल से दाद दिए बगैर नहीं रह सका। यह धमाकेदार परफोरमेंस पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से आयोजित शिल्पग्राम उत्सव के आखिरी दिन मंगलवार को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर दी गई ।  

Shilpgram Festival 2025

निदेशक खान की परिकल्पना ने फिर दिया नया रूप

शिल्पग्राम के भव्य मंच पर करीब तीन दर्जन वाद्ययंत्रों को नए धमक और चमकदार रूप में ढाला इसके  निर्देशक एवं परिकल्पनाकार पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने। इस नए रूप में सुरमई आलाप और कर्णप्रिय संगीत का और भी बेहतर तालमेल देख-सुनकर कलाप्रेमियों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने कई जगह जमकर तालियां बजाते हुए  इसमें शामिल देशभर के कलाकारों की खूब हौसला अफजाई की। 

Shilpgram Festival 2025

इस शानदार और कॉम्पैक्ट परफोरमेंस में राजस्थान के बाॅर्डर जैसलमेर-बाड़मेर से लेकर कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर के असम, मणिपुर और  दक्षिण के तमिलानाडु के लोक वाद्ययंत्रों को शामिल किया गया।

Shillpgram Utsav 2025

मेलार्थियों को यह प्रस्तुति म्यूजिकल होते हुए भी न सिर्फ सुनने, बल्कि खूबसूरत कॉस्ट्यूम और कुछ नृत्य शैलियों के कारण देखने में भी नयनाभिराम बनी। इनमें खरताल, मोरचंग, विभिन्न राज्यों के ढोल-ढोलक-ढोलकी, मादल, सारंगी, बांसुरी, रबाब, मटकी, पुुंग, रणसिंगा, करनाल, बीन, हार्मोनियम, भपंग, अलगोजा जैसे इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं। नड की लहरियों से शुरु हुई इस प्रस्तुति ने तमाम कला प्रेमियों के दिलो दिमाग पर अमिट छाप छोड़ी।

Shilpgram Festival 2025

सभी प्रस्तुतियों ने बिखरे विभिन्न लोक रंग

सिंफनी से पूर्व मुक्ताकाशी मंच पर विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों ने दर्शकों को खूब रिझाया। मंच पर गुजरात की आदिवासी संस्कृति को प्रस्तुत करते लाेक नृत्यों डांग और सिद्धि धमाल ने जबरदस्त जादू बिखेरा। इन ऊर्जा  से लबरेज प्रस्तुतियों ने दर्शकों में जोश और ऊर्जा का संचार कर दिया। वहीं, उत्तर और दक्षिण भारत के लोकप्रिय मयूर, मणिपुर के अनूठे शाास्त्रीय और फोक मिश्रित नृत्य पुंग ढोल चोलम, पश्चिम बंगाल के राय बेंसे और पुरुलिया छाऊ, महाराष्ट्र के लावणी नृत्य खूब सराहे गए, तो राजस्थान के कालबेलिया नृत्य ने सभी का दिल जीत लिया।

Shilpgram Festival 2025

इनके साथ ही, भपंग वादन, उत्तराखंड के छापेली और असम के बिहू डांस ने दर्शकों को रिझाया। इनके साथ ही मणिपुर के थांग-ता स्टिक, ओडिशा के गोटीपुआ व पश्चिम बंगाल के नटुआ लोक नृत्यों ने दर्शकों को खूब रोमांचित किया, तो भांगड़ा व सिंघी छम डांस पर भी दर्शक झूमने लगे। 

Shilpgram Festival 2025

कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी और डॉ. मोहिता दीक्षित ने किया। मुख्य कार्यक्रम से पूर्व मुक्ताकाशी मंच पर सुंदरी वादन, तेराताली, मांगणियार गायन और भवई नृत्य की प्रस्तुतियों को भी दर्शकों ने खूब सराहा।

Shilpgram Festival 2025

 

#UdaipurTimes #UdaipurTimesNews #UdaipurTimesOfficial #UdaipurNews #ShilpgramFestival #ShilpgramFestival2025 #RajasthanCulture #FolkMusicIndia #ShilpgramUtsav #ShilpgramUtsav2025 #IndianFolkArts #UdaipurEvents #WZCCUdaipur #CulturalFestival #RajasthanTourism