जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से निकलेगी विशाल रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से निकलने वाली 11वीं रथ यात्रा विभिन्न अनुष्ठानो के साथ भगवान जगन्नाथ रथ पर आरूढ़ होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 के संरक्षक व महाआरती के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत, अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भाटी, दिनेश मकवाना ने पत्रकारो को सम्बोधित करते हुये कहा भगवान जगन्नाथ स्वामी, सुभद्राजी, बलभद्र जी एवं सुदर्षन जी की मंदिर में प्रतिष्ठित महादारू (काष्ट) की प्रतिमाएं रथ में आरूढ़ होकर नगर भ्रमण पर निकलेगी तथा इस रथ यात्रा में सर्वधर्म सम्भाव व “सर्वे भवन्तु सुखीना” के ध्येय वाक्य को लेकर सामाजिक समरसता व आध्यात्म व श्रद्धा के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाया जायेगा।
भगवान जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से निकलने वाली 11वीं रथ यात्रा विभिन्न अनुष्ठानो के साथ भगवान जगन्नाथ रथ पर आरूढ़ होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 के संरक्षक व महाआरती के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत, अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भाटी, दिनेश मकवाना ने पत्रकारो को सम्बोधित करते हुये कहा भगवान जगन्नाथ स्वामी, सुभद्राजी, बलभद्र जी एवं सुदर्षन जी की मंदिर में प्रतिष्ठित महादारू (काष्ट) की प्रतिमाएं रथ में आरूढ़ होकर नगर भ्रमण पर निकलेगी तथा इस रथ यात्रा में सर्वधर्म सम्भाव व “सर्वे भवन्तु सुखीना” के ध्येय वाक्य को लेकर सामाजिक समरसता व आध्यात्म व श्रद्धा के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जगन्नाथ पुरी की परम्परा पर भगवान जगन्नाथ के रथ के आगे राजा महाराजाओं द्वारा झाडू लगाकर समानता का संदेश दिया जाता है वहीं भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की प्रेरणा भी यहीं जगन्नाथ रथ यात्रा है। इस यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ के मंदिर का सब तीर्थाें से लाए जलो से मार्जिन किया जाता है। इसी परंपरा के अनुरूप इस्कॉन भक्त मंडल मंदिर का मार्जन करेंगे तथा कीर्तन कर स्वच्छता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाएंगे।
31 हजार दीपों से बापू बाजार में होगी भव्य महाआरती
महाआरती के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि इस बार बापू बाजार में सायं 7.30 से 9 बजे के बीच 31 हजार दीपों से भव्य महाआरती की जायेगी। साथ ही 101 किलो गुलाब की पत्तियों से दोनों रथों का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया जायेगा तथा दो बड़ी वाल लगाकर लाईव भी दिखाया जायेगा। उन्होंने बताया कि महाआरती के लिए विभिन्न संघठनो की श्रद्धा व भावना के अनुरूप बापू बाजार में खुली सड़क पर सभी को स्वामी के रथ खींचने का अवसर मिलेगा। वहीं दूसरी ओर पूरी श्रद्धा भाव से आरती करने का समय भी प्राप्त होगा। डॉ. कुमावत ने बताया कि प्रथम महाआरती रेती स्टेण्ड पर दोपहर 1 बजे अंबालिका बिल्डर्स एवं मेटेरियल सप्लायर्स की तरफ से होगी। दूसरी आरती जो बाहूड़ा आरती होगी वो हिन्दू राज मेवाड़, पानेरियों की मादड़ी में हिन्दू राज मेवाड बजरंग सेना, राष्ट्र सेवा सेना के कार्यकर्त्ताओं और स्थानीय लोगों द्वारा भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा आरती का आयोजन किया जायेगा। जगन्नाथ की रथयात्रा का पुनः मन्दिर की ओर जाने की प्रक्रिया को बाहुड़ा तथा मन्दिर की ओर अन्तिम होने वाली आरती को बाहुड़ा आरती के रूप में जाना जाता है। इस बार भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा आरती पानेरियों की मादड़ी पर होगी और उसके बाद प्रभु मन्दिर में जाकर शयन विश्राम मे चले जाएंगे।
लाईव होगी जगन्नाथ महाआरती: जगन्नाथ की महाआरती जो कि बापू बाजार में होगी उसको फेसबुक के जरिये पूरी दुनिया में लाईव देखा जा सकेगा जिसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है। वहीं उदयपुर में स्थानीय स्तर पर महाआरती को कवर करने के लिये इन स्टार ने पूरी योजना तैयार की है जिसे उदयपुर के स्थानीय चैनलों पर देखा जा सकेगा।
महाआरती के संयोजक व जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 के संरक्षक डॉ. प्रदीप कुमावत ने जानकारी देते हुये बताया कि रथ में आरूढ़ जो प्रतिमाएं है उनसे भक्तों को आशीर्वाद प्रदान हो इसके लिये विधिवत् अनुष्ठानो के साथ उनको रथ में आसीन कराया जायेगा तथा जो प्रक्रिया उड़ीसा में अपनाकर रथ को रवाना किया जाता है उसी प्रक्रिया को यहीं अपनाकर रथ को प्रारम्भ किया जायेगा।
रथ यात्रा मार्ग: रथ यात्रा जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 मंदिर प्रांगण से प्रातः 10.45 बजे प्रारम्भ होकर जड़ाव नर्सरी, सवीना चौराहा, फल सब्जी मण्डी, रेती स्टेण्ड, शिव मंदिर माछला मगरा, पटेल सर्किल, किशनपोल, रंगनिवास, भट्यिानी चौहटा, जगदीश चौक से विशाल रथ यात्रा के साथ होते हुये संतोषी माता मंदिर, तीज के चौक से देहली गेट, बापू बाजार, सिंधी धर्मशाला, कमलावाड़ा से उदियापोल, पुलिस लाईन टेकरी, टेकरी मादड़ी रोड़, मेनारिया गेस्ट हाउस, पुलिस थाना सेक्टर-6 होकर पुनः जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 पहुँचेगा।
भूपेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि 11 वर्ष पूरे होने पर रथ को नया रूप देने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। जीर्णाेदार की प्रक्रिया के तहत विभिन्न प्रकार के आयाम इसमें जोड़े गये है तथा इसमें रथ पर ही हाथी तथा अन्य स्वरूप भी स्थापित किये जायेंगे। रथ को और भी जन सुविधा की दृश्टि से इसमें तकनीकि का प्रयोग करके तथा महादारू की जो लकडियाँ है जिनको पूरी तरह से आध्यात्मिक दृश्टि से मंत्रोपचार से पूजन करके रथ के साथ स्थापित किया जा रहा है।
1996 में इस मन्दिर की स्थापना हुई तथा यह 11वीं यात्रा है। 21 किलोमीटर की यह यात्रा अपने आप मे अभूतपूर्व होगी जिसमें रथ को भक्तजन खिंचेंगे तथा पुन- सेक्टर-7 लेकर आयेंगे। इस अवसर पर पर विभिन्न टोलिया बनाकर जन सम्पर्क को बढ़ावा दिया जा रहा है। जन सम्पर्क में पचास हजार पेमप्लेट वितरित किये गये है। समरसता के भाव को प्रबल करने कोई भी भक्त बिना भेदभाव के रथ को खींच सकेगा।
रथ यात्रा को सफल बनाने में शिवसिंह सोलंकी, गिरिश शर्मा, हरिश तोशनीवाल, मनोज उपाध्याय, कमलेन्द्रसिंह पंवार, कृष्णकान्त कुमावत सहित विभिन्न सर्वधर्म समाज, संगठन दिन रात लगे हुये है।
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