सैयदना साहब की सालगिरह पर वायज का हुआ सीधा प्रसारण
शिया दाउदी बोहरा समाज के प्रवक्ता डा.बी. मूमिन ने बताया कि आज से तीन साल पूर्व 53वें दाई-उल-मुतलक हिज हाॅलीनेस डा. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने फातिमी दावत की गादी पर जलवानुमा होने के बाद अपनी और सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की पहली सालगिरह उदयपुर में मनाई थी । तीन साल पूर्व जो वायज उदयपुर में फरमाई थी उसी वायज का सीधा प्रसारण कल रविवार को सालगिरह के मौके पर सम्पूर्ण विश्व में वीडियो प्रसारण किया गया।
शिया दाउदी बोहरा समाज के रुहानी पेशवा 53वें दाई-उल-मुतलक हिज हाॅलीनेस डा. आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की 74 वी सालगिरह एवं 52वें दाई-उल-मुतलक सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की 107 वी सालगिरह कल रविवार को अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। अकीदतमन्दों ने एक दूसरे को परस्पर मीलाद-ए-दाई-उज्जमान की मुबारकबाद दी। शिया दाउदी बोहरा समाज के प्रवक्ता डा.बी. मूमिन ने बताया कि आज से तीन साल पूर्व 53वें दाई-उल-मुतलक हिज हाॅलीनेस डा. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने फातिमी दावत की गादी पर जलवानुमा होने के बाद अपनी और सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की पहली सालगिरह उदयपुर में मनाई थी । तीन साल पूर्व जो वायज उदयपुर में फरमाई थी उसी वायज का सीधा प्रसारण कल रविवार को सालगिरह के मौके पर सम्पूर्ण विश्व में वीडियो प्रसारण किया गया।
डा. मूमिन ने बताया कि वीडियों का सीधा प्रसारण प्रातः ठीक 10 बजे प्रारम्भ हो गया । वायज में सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की विलादत एवं आपने मानव कल्याण के जो कार्य किये उनका जिक्र किया। आपने अकीदतमन्दों को यह हिदायत दी कि कभी भी झूठ न बोले हमेशा सच बोले, कभी किसी से ईर्ष्या न करे और किसी से भी बदला लेने की भावना न रखे । कभी किसी से कोई गलती हो जाये तो उसे माफ कर दें । गुस्सा न करे क्रोध में आदमी की अक़्ल चली जाती है । सभी लोगों के साथ मिल जुलकर मेल मिलाप से रहे । आपसी विवाद मिलजुलकर बातचीत से सुलझा कभी भी कोर्ट कचहरी में विवादों को न ले जाये । खासतौर से माॅ बाप को यह हिदायत दी कि बच्चों को मारे नही उन्हे प्यार से समझायें परीक्षा में कम अंक आने पर बच्चों को न मारे उनकी जिसमें रुचि हो उस फील्ड में उनको आगे बढने के लिये प्रेरित करे उनपर अपनी मर्जी थोपे नही ।आपने वायज में पंजतन पाक, मौला अली, माॅ फातिमातुज्जहरा सैदतुन्निसाइल आलमीन, इमाम हसन, इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों की शहादत का जिक्र कर मातम किया गया । वायज के अन्त में अकीदतमन्दों ने दुआये मांगी विशेष रुप से 52वें दाई-उल-मुतलक सैयदना मोहम्मद बंरहानुद्दीन साहब की रुह के सवाब के लिये 53वें दाई-उल-मुतलक हिज हाॅलीनेस डा. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की उम्र दराजी के लिये व अपने मुल्क हिन्दुस्तान में अमन व खुशहाली के लिये दुआयें मांगी गई । तत्पश्चात सामूहिक शाही भोज का आयोजन किया गया।
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