निगाहें मिलाने को जी चाहता है, अगर दिल भर के रूसवाई मिले
उदयपुर केटरिंग एसोसिएशन से संबंद्ध केटरिंग डिलर्स समिति द्वारा मोहनलाल सुखाडिया वि.वि के सभागार में आयोजित कव्वाली कार्यक्रम में कलाकारों को कव्वाली के पसन्दीदा श्रोताओं की भरपूर दाद मिली वहीं कलाकारों ने श्रोताओं को सभी नयी पुरानी फिल्मों की कव्वाली को एक बार पुन:सुनने का सुनहरा अवसर प्रदान किया।
उदयपुर केटरिंग एसोसिएशन से संबंद्ध केटरिंग डिलर्स समिति द्वारा मोहनलाल सुखाडिया वि.वि के सभागार में आयोजित कव्वाली कार्यक्रम में कलाकारों को कव्वाली के पसन्दीदा श्रोताओं की भरपूर दाद मिली वहीं कलाकारों ने श्रोताओं को सभी नयी पुरानी फिल्मों की कव्वाली को एक बार पुन:सुनने का सुनहरा अवसर प्रदान किया।
कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से हुई। देवयानी बेन्द्रे व अनिल देसाई एण्ड पार्टी ने कार्यक्रम में एक से बढक़र एक एकल व युगल स्वरों में कव्वाली का जमकर आनन्द लुटाया।
इन कलाकारों ने निगाहें मिलाने को जी चाहता है, अगर दिल भर के रूसवाई मिले.., फिल्म अमर,अकबर,एन्थोनी की मोहम्म्द रफी द्वारा गायी हुई कव्वली परदा है परदा है.., कैलाश खेर की सुफियाना कव्वाली तेरी दिवानी..,फिल्म मुगले आजम की प्यार किया तो डरना क्या.., किशोर कुमार द्वारा गायी हुई हाल क्या है दिलों का..,युगल स्वर में कव्वाली हम किसी से कम नहीं फिल्म की टाईटल कव्वाली हम किसी से कम नहीं.., फिल्म डर्टी की ताकते रहते है तुझको इश्क सुफियाना.. शिरड़ी वाले साई बाबा अया है तेरे दर पे कव्वाली..,आज भी जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का दरादा है.. सुनायी तो श्रोता अनन्दित हो गये। शहर में लम्बे समय बाद अच्छे कव्वालों की कव्वाली सुनने का श्रोताओं को अवसर मिला।
तबले पर चिन्तन दवे, ढोलक पर राहुल खरात व चेतन इन्दोलकर, पेड पर लवेश पुरी तथा की-बोर्ड पर आनन्द मोरे ने कव्वालों का बखूबी साथ दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि फैडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया कैटरर्स के सचिव किरीट बुद्धदेव, जयपुर के सुनील सोकिया, उदयपुर केटरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सुराणा, सचिव राकेश चौधरी, गजेन्द्र खाब्या, मुख्य संरक्षक वीरेन्द्र बापना,राजकुमार चारडिय़ा, सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र तलेसरा ने किया।
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