कौन बनेगा कानोड़ का किंग ?

कौन बनेगा कानोड़ का किंग ?

किसके हाथ लगेगी बाज़ी ? भाजपा, कांग्रेस या जनता सेना ?
 
कौन बनेगा कानोड़ का किंग ?
20 सीटों वाली कानोड़ पालिका की स्थिति बड़ी रोचक है यहाँ जनता ने न तो किसी को बहुमत दिया और न ही किसी को निराश किया है। कानोड़ की 20 सीटों में से भाजपा को 7, कांग्रेस को 7 और जनता सेना को 6 सीट मिली है। इसलिए तय नहीं की बोर्ड किस पार्टी का बनेगा और कौन बनेगा कानोड़ का किंग ?

उदयपुर, 25 नवंबर 2019। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच कल जिले के कानोड़ पालिका के अध्यक्ष का चुनाव भी खासा दिलचस्प होने वाला है। हाल ही में सम्पन्न हुए निकाय चुनावो में कानोड़ नगर पालिका के 20 पार्षदों का भी चुनाव करवाया गया। 

20 सीटों वाली कानोड़ पालिका की स्थिति बड़ी रोचक है यहाँ जनता ने न तो किसी को बहुमत दिया और न ही किसी को निराश किया है। कानोड़ की 20 सीटों में से भाजपा को 7, कांग्रेस को 7 और जनता सेना को 6 सीट मिली है। इसलिए तय नहीं की बोर्ड किस पार्टी का बनेगा और कौन बनेगा कानोड़ का किंग ?

महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे और राजनितिक उठापटक के बाद मेवाड़ में भी कानोड़ पालिका के लिए कल हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल सकता है।  कल ही उदयपुर नगर निगम के मेयर का चुनाव भी होगा। हालाँकि उदयपुर में संख्या बल के आधार पर भाजपा का मेयर बनने की सम्भावना प्रबल है लेकिन कानोड़ में अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

कानोड़ में तीनो हो दल भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। ऐसे में दिलचस्प हो जायेगा कानोड़ पालिका अध्यक्ष का चुनाव। जनता सेना के सुप्रीमो महाराजा रणधीर सिंह भिंडर पूर्व में भाजपा के ही खिलाडी थे लेकिन मेवाड़ की सियासत के कद्दावर भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया से  पर्तिस्पर्धा के चलते उन्होंने अपनी पार्टी जनता सेना के प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। 

महाराजा रणधीर सिंह की पार्टी भाजपा के साथ आएगी कहना मुश्किल है। लेकिन विचारधारा के चलते जनता सेना को कांग्रेस से हाथ मिलाने में दिक्कत नज़र आ रही है। हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में महाराजा रणधीर सिंह भिंडर को पटखनी देने वाले कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के साथ भी महाराजा के सम्बन्ध अच्छे नहीं है। 

ऐसे में खेल बड़ा रोचक हो चूका है। कल ही इस नाटक का पटाक्षेप हो जायेगा की सत्ता का क्या समीकरण बैठता है। कांग्रेस और भाजपा एक प्लेटफार्म पर आये फिलहाल यह मुमकिन नहीं है अब जनता सेना का ऊँट किस करवट बैठता है या तीनो में से किस दल में तोड़फोड़ होती है या क्रॉस वोटिंग होती है देखना दिलचस्प होगा।  
 

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