खादी की साड़ियों की ओर आकर्षित हो रही महिलायें


खादी की साड़ियों की ओर आकर्षित हो रही महिलायें

नगर निगम प्रांगण में चल रही खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में हर प्रकार की खादी की साड़ियां महिलाये को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मेले के प्रति जनता के मिल रहे जबरदस्त रूझान के चलते अब तक मेले में 82.40 लाख की बिक्री हो चुकी है

 

खादी की साड़ियों की ओर आकर्षित हो रही महिलायें

नगर निगम प्रांगण में चल रही खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में हर प्रकार की खादी की साड़ियां महिलाये को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मेले के प्रति जनता के मिल रहे जबरदस्त रूझान के चलते अब तक मेले में 82.40 लाख की बिक्री हो चुकी है। इससे व्यापारियों के चेहरे पर रौनक दिखाई दे रही है।

मेला संयोजक ने बताया कि मेले में जैसलमेर की खादी की साड़ियां महिलाओं द्वारा पसन्द की जा रही है। इसमें कांथा और बालूचेरी साड़ियों की मांग में तो बहुत तेजी है। इनकी बिक्री तो वर्ष दर वर्ष वृद्धि होती जा रही है।

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जैसलमेर के अमर खान और राजूराम ने बताया कि उदयपुर शहर की महिलाएं कांथा और बालूचेरी साड़ियां खूब खरीद रही है। इस बार भी इसमें अनेक वैरायटियां उपलब्ध है। पिछले 18 वर्षो इस मेले में आने वाले इन कारोबारियों ने बताया कि कांथा, कटकी, ब्लाक प्रिन्ट, ब्रुश प्रिन्ट, प्लेन साड़ी, प्लेन कपड़े की साड़ियां स्पेशल होती है जिनका कपड़ा भी हाथ से ही बनता है और हाथों से ही यह साड़ियां बनती है। यह आमतौर पर बाजारों में नहीं मिलती है। ऐसी साड़ियां खादी की दुकानों पर ही उपलब्ध हांती है। प्रतिवर्ष उदयपुर में इस प्रकार की साड़ियों का इन्तजार रहता है। बालूचेरी साड़ी साढ़े बारह हजार से चैदह हजार कीमत की होती है जबकि कांथा की साड़ियां 7000 से 10000 तक में बिकती है वहीं सिल्क में 1840 से 14000 तक की रेंज में बिकती है।

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