नारी सुरक्षा हो हमारी प्राथमिकता
पिछले दिनों से उदयपुर में हो रही महिलाओं के प्रति वारदातोें ने व्यवस्था की सजगता पर प्रष्न चिन्ह लगा दिए हैं। महिलाओं के प्रति बढता आपराधिक गा्रफ यह दर्षाता है कि हमारी प्रषासन व्यवस्था कैसी है?
पिछले दिनों से उदयपुर में हो रही महिलाओं के प्रति वारदातोें ने व्यवस्था की सजगता पर प्रष्न चिन्ह लगा दिए हैं। महिलाओं के प्रति बढता आपराधिक गा्रफ यह दर्षाता है कि हमारी प्रषासन व्यवस्था कैसी है?
मामला हो चाहे महिला वार्डन पर हमला करने का या पैंसठ वर्श की महिला को चाकू दिेेेेेेेेखाकर गहने लूटने का या फिर नकली सीबीआई ऑफिसर बनकर लूट की साजिष को अंजाम देने का। या अस्सी वर्श की महिला की उम्र को नज़रअंदाज कर साड़ी द्वारा बेरहमी से गला घोंट कर उसके षरीर के टुकड़े कर डस्टबिन में डालने जैसी वारदात को अंजाम देने का। ये सभी वारदातें अपराधियों के बढते हौसलों को बताती है।
सबसे जरूरी बात जो नज़र आती वह यह की लूट के ईरादों से दी गयी वारदातों को लगभग एक ही तरीके से अंजाम दिया गया। क्या सिर्फ इसीलिए की महिलाओं को कमजोर समझा जाता है। या फिर महिलाआंे को निषाना बनाना आसान समझा जाता है ? क्या इन अपराधियों का कोई हल भी है? जिनकी कमजोर सोच यह साबित करती की महिलाए कमजोर है। क्या इस भ्रम को तोड़ने का कोई भी तरीका ईजाद नहीं हो पाया।
एक माह पूर्व जो महिला के कटे अंग भीण्डर में पाए गए उससे तो यह स्पश्ट है कि समाज में महिलाएॅं कितनी सुरक्षित है। सराहनीय है की सरकार, समाज और व्यवस्था नारी सषक्तिकरण जैसे कार्यक्रम चला रहे है। ‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ का नारा भी सफल रहा है पर साथ ही जरूरत है नारी को सजग करने की, मानसिकता के साथ-साथ जरूरत है नारी को षारीरिक तौर पर सषक्त करने की।
पुलिस को चाहिए की पार्क, उद्यान जैसे सरकारी स्कूलों के आस-पास नारी सषक्तिकरण जैसे कैम्प लगाए जाए। उन्हें वारदात की आषंका होने पर सजग होने, ऐसी परिस्थितियों में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी जाए। ‘‘महिला सुरक्षा’’ को प्राथमिकता देते हुए ‘‘यातायात सुरक्षा सप्ताह’’ जैसे ही प्रणाली में उन्मूलित किया जाए। ताकि बदली जा सके यह सोच की अबला नारी अब सबल है। सक्षम है अपनी सुरक्षा के लिए, सक्षम है समाज में रहने वाले दरिन्दों के खिलाफ लड़ने के लिए। सक्षम है अपनी रक्षा खुद करने के लिए।
इसके लिए ‘‘महिला सुरक्षा सप्ताह’’ जैसे कार्यक्रम चलाकर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर लगाम लगायी जा सकती है।
Written By: Gaurav Dwivedi
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