रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व


रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर द्वारा “व्याख्यान और प्रदर्शन कार्यक्रम” के अर्न्तगत एक दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रेमेटिक्स एंड परफोरमिंग आर्ट्स की रेखा सिसोदिया ने रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, भूपालपुरा की बालिकाओं को व्याख्यान दिया

 

रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर द्वारा “व्याख्यान और प्रदर्शन कार्यक्रम” के अर्न्तगत एक दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रेमेटिक्स एंड परफोरमिंग आर्ट्स की रेखा सिसोदिया ने रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, भूपालपुरा की बालिकाओं को व्याख्यान दिया।

एक दिवसीय रंगमच कार्यशाला मे बालिकाओं को सर्वप्रथम रंगमंच के बारे जानकारी दी एवं रंगमंच में औरतों के महत्व के बारें मे बताया गया कि किस तरह समय के साथ नारी का सभी क्षेत्रों के साथ साथ रंगमंच मे भी सराहनीय योगदान है । उन्होने बताया कि किस तरह आधुनिक रंगमंच नारी के बिना अधूरा है।  उन्होने रंगमंच मे कार्य करने के अवसरों के बारे मे भी जानकारी दी कि किस तरह वे रंगमंच को भी अपना कार्यक्षेत्र बना सकती ह। कार्यशाला मे उन्होनें रंगमंच की बारीकियों से स्कूली छात्राओ को रूबरू करवाया एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी कारवाई।

रंगमंच में नारी का स्थान और महत्व

प्रधानाचार्या सुनीता धनखड़ ने बताया कि इस तरह की सह-शैक्षणिक गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं उन्हे अपने आसपास की गतिविधियों को समझने मे काफी सहायता मिलती है । इस तरह की गतिविधियो से विद्यार्थीयो का मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान भी बढ़ता है । उन्होने यह भी कहा की इस तरह की गतिविधियां सभी विद्यालयों मे होती रहनी चाहिए।

इस कार्यशाला का विद्यालय की लगभग 400 छात्राओ ने लाभ उठाया। कार्यशाला के अंत मे रेखा सीसोदिया द्वारा “एक बालिका शिक्षा”” पर एक लघु नाटिका भी प्रस्तुत की,  जिसे सभी विद्यार्थियों ने ध्यानपूर्वक देखा।

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