कलाम को श्रद्धांजलि के साथ ही वुड स्कल्पचर वर्कशॉप शुरू
काष्ठ माध्यम पर कलात्मक और रचनात्मक सृजन को एक मंच पर एकत्र करने व काष्ठ शिल्पियों की सृजन शैली पर तकनीकी आदान प्रदान के लिये पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय वुड स्कल्पचर वर्कशॉप मंगलवार को शिल्पग्राम में प्रारम्भ हुई। कार्यशाला में 9 काष्ठ मूर्तिशिल्पी भाग ले रहे हैं।
काष्ठ माध्यम पर कलात्मक और रचनात्मक सृजन को एक मंच पर एकत्र करने व काष्ठ शिल्पियों की सृजन शैली पर तकनीकी आदान प्रदान के लिये पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय वुड स्कल्पचर वर्कशॉप मंगलवार को शिल्पग्राम में प्रारम्भ हुई। कार्यशाला में 9 काष्ठ मूर्तिशिल्पी भाग ले रहे हैं।
सर्वप्रथम संगम हॉल में प्रतिभागियों ने पूर्व राष्ट्रपति एण्पीण्जेण् अब्दुल कलाम की स्मृति में दो मिनट का मौन रख कर उन्हे श्रद्धांजली अर्पित की। फिर कार्यशाला में आये मूर्ति शिल्पकारों ने अपने पसंदीदा वुडन लॉग का चयन कर उस पर कार्य प्रारम्भ किया। प्रतिभागी कलाकारों का मानना है कि लकड़ी का आकार तथा उसकी आकृति उन्हें उसमें से कुछ नवसृजन की प्रेरणा देती है।
मूर्तिशिल्प एक ऐसी विधा है जिसमें कई माध्यमों का प्रयोग किया जा सकता है इनमें स्टोनए मैटलए वुडए क्ले के अतिरिक्त कुछ कलाकारों ने फाइबरए वैक्सए वुड आदि को भी अपने सृजन का माध्यम बनाया है। कार्यशाला के समन्वयक गुजरात के वरिष्ठ कलाकार महेन्द्र कडि़या ने प्रतिभागियों से कृतित्व व सृजन पर चर्चा की।
कार्यशाला में प्रतिभागी कलाकार अलय मिस्त्री, रूद्र ठाकर, हर्षद पंचाल, रंजीत असारसा, प्रीति कहार, हार्दिक बी. कंसारा, विजय डी. कदम, सचिन चौधरी तथा नेमाराम अपनी कृतियों का सृजन करेंगे।
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