लकड़ी का घोड़ा, दम लगा के दौड़ा: 'लकड़ी की काठी' प्रदर्शनी का अंत
पिछले कई दिनों से चल रहे 'लकड़ी की काठी' ने सभी उम्र के लोगो को बड़ा आकर्षित किया। इसकी प्रदर्शनी सिटी पैलेस, सिक्योर मीटर व फ़तहसागर पाल पर हुई, और समापन आज शाम फतहसागर पाल पर हुआ। इसमें क़रीब 15 स्कूल डी पी एस, आलोक, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल, सेंट पॉल्स, एम एम वी एम और बड़ी के कई सरकारी स्कूल के बच्चों ने भाग लिया।
पिछले कई दिनों से चल रहे ‘लकड़ी की काठी’ प्रदर्शनी ने सभी उम्र के लोगो को बड़ा आकर्षित किया। इसकी प्रदर्शनी पहेले सिटी पैलेस, सिक्योर मीटर व पिछले 3 दिनों से फ़तहसागर पाल चल रही थी, और समापन आज शाम यहीं फतहसागर पाल पर हुआ। इसमें क़रीब 15 स्कूल डी पी एस, आलोक, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल, सेंट पॉल्स, एम एम वी एम और बड़ी के कई सरकारी स्कूल के बच्चों ने भाग लिया।
आयोजक शाहिद परवेज़ का कहना था कि सभी स्कूल के बच्चों को एकजुट करने के पीछे यही उद्देश्य है कि बच्चों में जागरुकता, अपनी कलाओ को सबके सामने प्रदर्शित करना, आपस में बातचीत करना, और उदयपुर आये पर्यटक को कुछ नया दिखाना।
आज सभी बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ फतहसागर पाल पर इक्कठा हुए और बच्चों द्वरा पेंट किये गए लकड़ी की काठी आज वापस बच्चों को दे दिया गया जिससे बच्चो के चेहरों की खिखिलाहट साफ़ नज़र आ रही थी। सभी बच्चे लकड़ी की काठी को अपने घर ले जाने के लिए बड़े उत्सुक दिखाई दिए।
बच्चो की जुबानी
सेंट पॉल्स के आदित्य कपूर ने कहा कि मैं घोड़े के साथ रोज खेलूँगा, एम एम वी एम के दिव्यांश शाह का कहना था कि मैं अपनी छोटी सी बहन को इसमें बिठा कर खेलाऊंगा और कई बच्चों ने अपने घोड़े के नाम भी रखे जैसे हीरो, सोल्जर, किंग आदि। इसी के चलते पेरेंट्स का भी यही कहना था कि इससे बच्चो को अपनी रचनात्मकता दिखाने और सिखने का मौका मिला है ।
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