दलगत राजनीति से नहीं, तालमेल से होंगे काम
गाँवों की तरक्की में दलगत राजनीति आड़े नहीं आयेगी, बल्कि जनहित के काम सभी के साथ तालमेल से किए जाते रहेंगे। यह विचार बड़गाँव पंचायत समिति के प्रधान जमनालाल मोड़ ने व्यक्त किए। वे विद्या भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से बड़गाँव पंचायत समिति सभागार में पंचायत मेले को सम्बोधित कर रहे थे। मोड़ ने कहा कि उन्हें विकास कार्यों के बारे में जनता व जनप्रतिनिधि लिखित में दें, तो वे एक हफ्ते में काम करवा कर देंगे।
गाँवों की तरक्की में दलगत राजनीति आड़े नहीं आयेगी, बल्कि जनहित के काम सभी के साथ तालमेल से किए जाते रहेंगे। यह विचार बड़गाँव पंचायत समिति के प्रधान जमनालाल मोड़ ने व्यक्त किए। वे विद्या भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से बड़गाँव पंचायत समिति सभागार में पंचायत मेले को सम्बोधित कर रहे थे। मोड़ ने कहा कि उन्हें विकास कार्यों के बारे में जनता व जनप्रतिनिधि लिखित में दें, तो वे एक हफ्ते में काम करवा कर देंगे।
शुक्रवार को पंचायत दिवस के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने कहा कि जनता एवं जनप्रतिनिधियों की सजगता से ही भागीदारीपूर्ण विकास सम्भव होगा।
विकास अधिकारी धनदान देथा ने कहा कि वार्डपंच अपनी ज़मीन के पट्टे बनवायें और ग्रामवासियों को भी पट्टे दिलवाएं। उन्होंने पंचायत मेले में अच्छी संख्या में भागीदारी के समान ही ग्राम पंचायत की बैठक में भाग लेने का आग्रह किया। महानरेगा में सुबह का समय कर दिया गया है और जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में काम का अवलोकन करना चाहिए। श्री देथा ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही परिवार नियोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के महत्व पर भी विचार रखे।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सरदार सिंह चौहान ने बताया कि नये सत्र में प्रवेश के लिए संस्था प्रधानों को उनके क्षेत्र के बच्चों की सूची भेज दी गई है। कक्षाओं में उम्र के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है तथा ऐसे बच्चों को कक्षा के स्तर तक लाने के लिए 3 बजे तक अतिरिक्त शिक्षण दिया जाता है। शिक्षक शारीरिक दण्ड नहीं दे सकते हैं। पोषाहार बनाने का काम विद्यालय प्रबन्ध समितियों के माध्यम से ही किया जा रहा है, जिसके लिए प्रशिक्षण जारी हैं। जनप्रतिनिधियों को शालाओं का अवलोकन कर पोषाहार की गुणवत्ता पर अपने विचार रजिस्टर में लिखने चाहियें।
लेखाधिकारी हरीश दशोरा ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए वित्तीय पारदर्शिता पर ज़ोर देते हुए बताया कि हर ग्राम पंचायत के खाते में विभिन्न योजनाओं की काफी राशि आ रही है। इसका लेखा-जोखा ग्राम सभा में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। वार्डपंच रोकड़ बही को देखें तथा सरपंच किसी भी वाउचर पर हस्ताक्षर से पूर्व सचिव से पूरी जानकारी करें।
खुले सत्र में जनप्रतिनिधियों ने वन भूमि से बेदख़ली के लिए परेशान किए जाने, पेयजल आदि समस्यायें रखीं, वहीं लोसिंग के स्वयं सहायता समूह का उदाहरण देते हुए महिलाओं को आर्थिक सम्बल मिलना भी बताया। चर्चा में हीरा बाई, चुनकी बाई, माणाराम आदि ने भाग लिया।
संस्थान के केशव दवे ने जादू के खेल के ज़रिये अंधविश्वासों की वैज्ञानिक व्याख्या की।
मेले के तहत महिला सम्मेलन में पंचायत के संचालन में महिला जनप्रतिनिधियों की भागीदारी पर चर्चा हुई। सम्मेलन में जनजाति क्षेत्र में बालिका शिक्षा और महिलाओं की स्थिति पर अध्ययन करने आईं अमेरिका की किम्बरली कोल्विट्ज़ और डेनियल जिलोट तथा शिक्षाकर्मी पंखुड़ी ने भी भाग लिया।
प्रारम्भ में, निदेशक के.सी. मालू ने संस्थान का परिचय दिया। त्रैमासिक न्यूज़लैटर ‘पंचायत परिवार’ व ‘महिला शक्ति’ से नवीनतम जानकारियों पर चर्चा की गई। पंचायत मेले का संचालन दुष्यन्त त्रिवेदी व महिला सम्मेलन का संचालन अनुप्रीता पुरोहित ने किया।
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