जियो-स्पेशल टेक्नोलोजी: इनोवेशन एवं एप्लीकेशन विषयक कार्यशाला आयोजित


जियो-स्पेशल टेक्नोलोजी: इनोवेशन एवं एप्लीकेशन विषयक कार्यशाला आयोजित

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविधालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविध्यालय के सेमिनार हाल में जियो-स्पेशीयल टेक्नोलोजी : इनोवेशन एवं एप्लीकेशन व विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ।

 

जियो-स्पेशल टेक्नोलोजी: इनोवेशन एवं एप्लीकेशन विषयक कार्यशाला आयोजित

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविधालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविध्यालय के सेमिनार हाल में जियो-स्पेशल टेक्नोलोजी : इनोवेशन एवं एप्लीकेशन विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ।

इस मौके पर कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी ने कहा कि भौगोलिक सूचना तंत्र का लाभ आम लोगों तक पहुंचना चाहिए। शोध, परियोजना और अध्ययन में भौगोलिक सूचना तंत्र का उपयोग जरूरी है। कुलपति ने भूगोल विभाग और इजरी संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जियो-स्पेशल टेक्नोलोजी : इनोवेशन एवं एप्लीकेशन व विषयक कार्यशाला के उदघाटन सत्र में बतौर अध्यक्ष सहभागियों को संबोधित किया।

उदघाटन सत्र में मुख्य वक्ता सोलर आब्र्जवेटरी के निदेशक पी. वेंकटरमन ने सौर प्रणाली पर ग्रहों में आ रहे रासायनिक परिवर्तन तथा सूर्य में गैसीय स्वरूप तथा ज्वालाओं में भिन्नता के बारे में पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से सहभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही विश्वविधालय के भौतिक विज्ञान, भूविज्ञान और भूगोल विभागों के शोध कार्यों के साथ समन्वय और सहयोग बनाया जाएगा। विशिष्ट अतिथि इजरी के क्षेत्रीय निदेशक आयुष दुबे ने विश्व स्तर भौगोलिक सूचना तंत्र के अनुप्रयोग और तकनीक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान दौर जीआर्इएस सबसे सशक्त सूचना तंत्र है जिससे हमें पृथ्वी तल पर उपलब्ध प्राक्रतिक संसाधनों की जानकारी अधिक रूप से मिलती है ।

कार्यशाला के आरंभ में विभागाध्यक्ष प्रो. आई. एम. कायमखानी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला की रूपरेखा प्रो. पी. आर. व्यास ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राजस्थान की अरावली पर्वतमाला में आ रहे परिवर्तनों को समझने के लिए हमें विश्वविधालय के पाठयक्रम में जी.आर्इ.एस. को शामिल करना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान प्रो. अंजु कोहली एवं चंद्रमोहन अधिकारी ने भी अपने विचार रखे। धन्यवाद प्रो. एल. सी. खत्री ने दिया। इस तकनीकी कार्यशाला में 150 छात्रों, शोधार्थियों और अध्यापकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। भूगोल विभाग में शीघ्र जी.आर्इ.एस की नवीनतम आर्क जी आर्इएस पर आधारित सॉफ्टवेर की प्रयोगशाला प्रारंभ की जाएगी।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags