गिट्स में ‘कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव’ पर कार्यशाला


गिट्स में ‘कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव’ पर कार्यशाला

गीतांजली इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल स्ट्डीज डबोक, उदयपुर के सिविल विभाग के तत्वाधान में ‘कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव पर एक द्विवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जेके व्हाइट सीमेंट गोटन संभाग के जोनल हैड संजीव प्रकाश अरोडा ने विद्यार्थियों व फेकल्टी

 
गिट्स में ‘कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव’ पर कार्यशाला

गीतांजली इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल स्ट्डीज डबोक, उदयपुर के सिविल विभाग के तत्वाधान में ‘कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव पर एक द्विवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जेके व्हाइट सीमेंट गोटन संभाग के जोनल हैड संजीव प्रकाश अरोडा ने विद्यार्थियों व फेकल्टी मेम्बर्स के समक्ष सिविल तकनीकी कंक्रीट में सीमेन्ट का प्रभाव के बारे में अपने विचार रखे। साथ ही व्हाइट सीमेन्ट और ग्रे सीमेन्ट के अन्तर व उपयोग के बारे में बताया।

गिट्स डायरेक्टर डाॅ विकास मिश्र ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आज के भावी इंजीनियर्स को सीमेन्ट तकनीकी के विशेषताओं के बारे में अवगत कराना था। साथ ही कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण दिन प्रतिदिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव होता जा रहा हैं। इन बुनियादी जरूरतों के साथ हर नागरिक का घर बनवाने का एक सपना होता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सीमेन्ट व कंक्रीट का तकनीकी उपयोग बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डाॅ.मनीष वर्मा ने कहा कि किसी देश का विकास उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर से भी जोड़ा जाता है। जिस देश का इन्फ्रा जितना मजबूत होगा वह उतना ही विकसित माना जाता है। अतः देश के विकास के लिए हर सिविल इंजीनियर्स को सीमेन्ट व कंक्रीट के उचित प्रयोग व उपयोग के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे वे देश के विकास में भागीदार बन सकें।

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