बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर कार्यशाला सम्पन्न
वर्तमान में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के विषय में जागरूकता अत्यन्त आवश्यक है। वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। उक्त विचार अधिवक्ता सुरभी शर्मा ने भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में जैव प्रौद्योगिकी में बा़ि
वर्तमान में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के विषय में जागरूकता अत्यन्त आवश्यक है। वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। उक्त विचार अधिवक्ता सुरभी शर्मा ने भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में जैव प्रौद्योगिकी में बा़िद्धक सम्पदा अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला में उद्बोधन देते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि शोध के निष्कर्षों को को किस प्रकार से बौद्धिक सम्पदा अधिकार के तहत संरक्षित किया जा सकता है एवं भविष्य में इसके माध्यम से आय का अर्जन भी किया जा सकता है। विज्ञान के क्षेत्र में बौद्धिक सम्पदा अधिकार का विशेष महत्व है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह शक्तावत ने कहा कि उक्त अधिकार के संबंध में ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन उचित रूप से विद्यार्थियों के लिए एवं शोधार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा।
इस अवसर पर डी.एस.टी. परियोजना अधिकारी मनिष जैन ने डी.एस.टी. के कार्यकलापों के बारे में विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया और कहा कि शोधार्थी इसके माध्यम से अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं। कार्यशाला का प्रतिवेदन श्री दिनेश कुमार ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन जया माटिया ने किया।
उक्त जानकारी विभागाध्यक्ष डॉ. आशा अरोड़ा ने दी।
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