महिलाओं के अधिकार व घरेलू हिंसा पर कार्यशाला
राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत ने कहा कि ग्रामीण भारत की महिलाऐं जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत ने कहा कि ग्रामीण भारत की महिलाऐं जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हेैं शिक्षित बनाया जाना बेहद जरूरी है । प्रो. सारंगदेवोत सोमवार को विद्यापीठ के नाई स्थित अरण्य जन भारती केन्द्र पर आयोजित महिलाओं के अधिकारी एवं कर्त्तव्य व घरेलू हिंसा पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति ओर अधिक जागरूक होने की जरूरत है।
प्रभारी कौशल नागदा ने बताया कि मुख्य वक्ता प्रो. एन.एस.राव ने कहा देश में कन्या लिगानुपात पर चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि समय रहते अगर सचेत नहीं हुए तो सामाजिक असन्तुलन की स्थिति बन जाएगी, हमें ऐसी स्थिति से बचने के लिए समाज में बच्चीयों के प्रति नकारात्कम सोच को बदलना होगा। अभिभावक बचपन से ही अपने लड़कों में ऐसे संस्कार पैदा करें कि ये भविष्य में महिलाओं का आदर के साथ सम्मान कर सकें ।
अध्यक्षता करते हुए जनषिक्षण विस्तार निदेशालय की निदेशक डॉ. मंजू मॉंडोत ने कहा आज महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए हम सबको संयुक्त परिवार प्रथा की ओर लौटना होगा इससे महिला अपराधों पर रोक लगेगी ओर कन्या भ्रूण हत्या एवं महिलाओं पर हो रहीे हिंसा को रोकने में मदद मिलेगी।
विशिष्ट अतिथि रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने कहा कि बालिकाओं का घटता लिंगानुपात चिन्ताजनक है। कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। डॉ. हेमशंकर दाधिच, भगवती लाल सोनी, डॉ. धमेन्द्र राजोरा, हीरालाल चौबीसा ने विचार व्यक्त किये तथा कार्यषाला का संचालन प्रभारी कोशल नागदा ने किया।
कम्प्युटर कक्ष का उद्घाटन- कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कम्प्युटर कक्ष का उद्घाटन किया।
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