सिटी पैलेस में 'विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014' शुरू


सिटी पैलेस में 'विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014' शुरू

जीवंत विरासत संरक्षण संवर्धन एवं प्रोत्साहन में कार्यरत महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर एवं यूनेस्को, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज से सिटी पैलेस में चार दिवसीय द्वितीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव 2014 का रंगारंग आगाज किया गया।

 
सिटी पैलेस में 'विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014' शुरू

जीवंत विरासत संरक्षण संवर्धन एवं प्रोत्साहन में कार्यरत महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर एवं यूनेस्को, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज से सिटी पैलेस में चार दिवसीय द्वितीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव 2014 का रंगारंग आगाज किया गया।

आज आयोजित कार्यशाला रंग, फोटो प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का उद्घाटन भारत में फ्रांस दूतावास के दूत हिज एक्सीलैंसी फ्रेंकोइज रीचर ने किया।

फतहप्रकाश पैलेस कन्वेंशन सेंटर के सभागार कांफ्रेंस हॉल में लिविंग हेरिटेज पर तीन दिवसीय विश्व स्तरीय संगोष्ठी में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ ने कहा कि जीवंत विरासत को यदि जीवित रखना है तो हमें विरासत की मातृरूपी सांस्कृतिक धरोहरों को आगे बढ़ाना होगा। किसी भी देश की यदि संस्कृति जीवित रहती है तो निश्चित रूप से उसकी विरासत को भी पथ मिलता है।

उन्होंने इस बात पर भी पुरजोर दिया कि हमें केवल उदयपुर शहर को पर्यटन विकास ही नहीं देना है अपितु इस शहर को हर क्षेत्र में एक्सीलेंट बनाना है। संगोष्ठी में यूनेस्को नई दिल्ली की सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेषज्ञ श्रीमती मोए छिबा ने विरासत संरक्षण के लिए भारत के पड़ोसी देश चीन, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका से सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं विभिन्न उत्सवों पर कलाकारों के प्रदर्शन के माध्यम से विरासत को जीवंत बनाने की बात कही।

सिटी पैलेस में 'विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014' शुरू

डी.के. इंटरनेशनल फाउण्डेशन के चेयरमेन प्रोफेसर विनयशील गौतम ने ट्रस्टीशिप एण्ड गर्वनेंस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जीवंत विरासत को ना केवल संगोष्ठियों में समेटना है बल्कि हर आम आदमी की इसमें पूर्ण भागीदारी हो इसकी सुनिश्चितता भी जरूरी है। संगोष्ठी में राजू मनसुखानी ने फाउण्डेशन द्वारा किए जा रहे संपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के अंत में महोत्सव की संयोजक वृंदा राजे सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

दोपहर दो बजे बाद चले सत्र में मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय डॉ. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने लीडरशिप स्टाइल ऑफ रूलर्स ऑफ मेवाड़ पर अपना शोध पत्र पढ़ा। वही बेल्जियम की प्रोफेसर मिंजा यांग ने जीवंत विरासत को हर तबके तक कैसे पहुंचाया जाए इसकी जानकारी दी। संगोष्ठी में भोपाल की डॉ. रचना खैर एवं द्रोण संस्था की डॉ. शिखा जैन ने भी विषय वस्तु पर अपने विचार रखेे।

पुस्तक विमोचन : संगोष्ठी में ‘कांसेप्ट पब्लिकेशन ऑन उदयपुर एज ए लिविंग हेरिटेज सिटी’ पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया। यह पुस्तक महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, यूनेस्को एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से तैयार की गई है।

रंग : महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन एवं कला समर्पित संस्थान लोकल आर्ट डॉट कॉम के सौजन्य से यहां सभा शिरोमणी के दरीखाने में लगाई गई कला प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत में फ्रांस दूतावास के दूत हिज एक्सीलैंसी फ्रेंकोइज रीचर एवं फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने किया। तीन दिवसीय इस कार्यशाला में सूक्ष्म चित्रकारी में माहिर दीपक सोनी, टेराकोटा के कारीगर गंगाराम सहाय, ठीकरी कला के कृष्णकांंत शर्मा, काष्ठ कला के विष्णु सिकलीगर, कावड़ कलाकार मांगीलाल मिस्त्री, संगमरमर की कृतियां रचने वाले अंबालाल भट्ट, नेल आर्ट के कलाकार प्रकाश के विभिन्न कृतियां प्रदर्शित की गई।

फोटो प्रदर्शनी : सिटी पैलेस के जनाना महल के लक्ष्मी चौक में बने चौमुखा में परंपरा एवं आधुनिकता के मेल को समर्पित फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर के फोटो एवं उदयपुर शहर के विभिन्न धर्मो, लोगों, शैलियों के फोटो प्रदर्शित किए गए।

स्ट्रासबर्ग के फोटोग्राफर अल्बर्ट हूबर एवं उदयपुर की फोटोग्राफर अनुराधा सरूप द्वारा दोनों ही जगहों के खींचे गए करीब 50 फोटो यहां प्रदर्शित किए गए है। ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने इस प्रदर्शनी की जानकारी हिज एक्सीलैंसी फ्रेंकोइज रीचर को दी। उपरोक्त दोनों प्रदर्शनियां 15 मार्च तक जारी रहेगी।

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