विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014: ओडिसी कलाकारों ने दी प्रस्तुति, संगोष्ठी समाप्त


विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014: ओडिसी कलाकारों ने दी प्रस्तुति, संगोष्ठी समाप्त

उदयपुर शहर को जीवंत विरासत शहर के साथ ही विश्व भर में एक दिन की सुनिश्चितता हो जिस दिन को विश्व जीवंत विरासत दिवस के रूप में मनाया जाए। सिटी पैलेस के दरबार हॉल में आयोजित द्वितीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव - 2014 के तहत तीसरे दिन शनिवार को प्रतिभागियों ने उपरोक्त विषय पर एक निष्कर्ष निकालने पर जोर दिया।

 
विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014: ओडिसी कलाकारों ने दी प्रस्तुति, संगोष्ठी समाप्त

उदयपुर शहर को जीवंत विरासत शहर के साथ ही विश्व भर में एक दिन की सुनिश्चितता हो जिस दिन को विश्व जीवंत विरासत दिवस के रूप में मनाया जाए। सिटी पैलेस के दरबार हॉल में आयोजित द्वितीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव – 2014 के तहत तीसरे दिन शनिवार को प्रतिभागियों ने उपरोक्त विषय पर एक निष्कर्ष निकालने पर जोर दिया। शाम को जनाना महल में ओडिसी कलाकारों ने लोकनृत्य पेश किए।

जीवंत विरासत संरक्षण संवद्र्धन एवं प्रोत्साहन में कार्यरत महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर एवं यूनेस्को, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में यहां सिटी पैलेस में आयोजित विश्व जीवंत विरासत महोत्सव 2014 के तहत शनिवार को दरबार हॉल में कंक्लूडिंग सेशन आयोजित किया गया।

विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2014: ओडिसी कलाकारों ने दी प्रस्तुति, संगोष्ठी समाप्त

इस सत्र में यूनेस्को के प्रतिनिधि मिंजा यांग, यूनेस्को, नई दिल्ली की मोय छिबा, डी.के. इंटरनेशनल फाउण्डेशन के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. विनयशील गौतम, भोपाल की डॉ. रचना खैर, द्रोण संस्था की डॉ. शिखा जैन, यूआईटी उदयपुर के पूर्व सचिव डॉ. आर.पी. शर्मा, रामनिवास, श्वेता राव, ओसामा मंजर, मुजफ्फर अहमद अंसारी, शांतिनी राय चौधरी, स्वर्णा चित्रकार, नेपाल के काय वेसी, फोर्ड फाउण्डेशन की डॉ. रवीना अग्रवाल, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की डॉ. अंजू उपाध्याय, आयरलैण्ड की मेरी मेककेरथी के शोध पत्रों को संग्रहित कर सामग्री लेखन का कार्य शुरू हुआ।

समस्त विशेषज्ञों ने अपने देश एवं शहरों की विरासत संबंधी जानकारी भी बांटी, साथ ही विरासत संरक्षण को लेकर एक एक्शन प्लान बनाने पर भी जोर दिया। इससे पूर्व सुबह समस्त प्रतिनिधियों ने महोत्सव की संयोजक वृंदा राजे सिंह के साथ नगर भ्रमण किया।

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ओडिशी कलाकारों ने मन मोहा

महोत्सव के तहत शनिवार शाम को जनाना महल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में उड़ीसा डांस अकादमी के कलाकारों ने ओडिसी एवं गोटिपुआ नृत्य पेश किए। ओडिशी लोक कलाकारों के जाने माने विशेषज्ञ गुरू अरूणा मोहंती के निर्देशन में तैयार इस नृत्य को चार अलग-अलग भागों में पेश किया गया। कार्यक्रम में कलाकारों ने नृत्य के चार प्रकार नव रस, करूणा रस, विभाता रस एवं रूद्ररस में विभिन्न राग रागिनियों के साथ नृत्य पेश किया।

कार्यक्रम में संगीत सुमंता मोहंती एवं गुरू धनेश्वर स्वेन तथा आवाज देवेन्द्र सप्तपती एवं नाजिया आलम ने दी। सितार पर रविशंकर प्रधान, बांसुरी एवं शहनाई पर सीमा ने संगत की।

कार्यक्रम में फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ तथा ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हिमानी दीक्षित ने किया।

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रंग में आए मेहमान

महोत्सव के तहत यहां सभा शिरोमणी के दरीखाने में लगाई गई कला प्रदर्शनी में सूक्ष्म चित्रकारी में माहिर दीपक सोनी, टेराकोटा के कारीगर गंगाराम सहाय, ठीकरी कला के कृष्णकांंत शर्मा, काष्ठ कला के विष्णु सिकलीगर, कावड़ कलाकार मांगीलाल मिस्त्री, संगमरमर की कृतियां रचने वाले अंबालाल भट्ट, नेल आर्ट के कलाकार प्रकाश के विभिन्न कृतियां प्रदर्शित की गई। शनिवार को तीसरे दिन देशी एवं विदेशी पर्यटकों का इस प्रदर्शनी को देखने के लिए हूजूम उमड़ पड़ा।

सिटी पैलेस के जनाना महल के लक्ष्मी चौक में बने चौमुखा में परंपरा एवं आधुनिकता के मेल को समर्पित फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर के फोटो एवं उदयपुर शहर के विभिन्न धर्मो, लोगों, शैलियों के फोटो प्रदर्शित किए गए। स्ट्रासबर्ग के फोटोग्राफर अल्बर्ट हूबर एवं उदयपुर की फोटोग्राफर अनुराधा सरूप द्वारा दोनों ही जगहों के खींचे गए करीब 50 फोटो यहां प्रदर्शित किए गए। इस प्रदर्शनी को देखने शनिवार को कई लोग पधारे।

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