तीर्थंकर परमात्मा पाश्र्वनाथ भगवान की आराधना सर्वश्रेष्ठ : आचार्य नित्यानंद
सविना पाश्र्वनाथ जिनालय के पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज कुंभ स्थापना एवं भव्य वरघोड़े से हुआ। धर्मसभा में शान्तिदूत गच्छाधिपति आचार्य श्री विजयनित्यानंद सूरीश्वर म.सा. ने कहा कि तेरी कृपा दृष्टि से सबको नूर मिलता है, तेरे चरणों में आकर सबको सुरूर मिलता है। श्रद्धा व समर्पण से जो भी आ जाता है, तेरे चरणों में उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।
सविना पाश्र्वनाथ जिनालय के पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज कुंभ स्थापना एवं भव्य वरघोड़े से हुआ। धर्मसभा में शान्तिदूत गच्छाधिपति आचार्य श्री विजयनित्यानंद सूरीश्वर म.सा. ने कहा कि तेरी कृपा दृष्टि से सबको नूर मिलता है, तेरे चरणों में आकर सबको सुरूर मिलता है। श्रद्धा व समर्पण से जो भी आ जाता है, तेरे चरणों में उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा द्वारा संचालित सविना तीर्थ पर रविवार को पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के पहले दिन धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर जी ने कहा कि जीवन में शान्ति, मरण में समाधि, परलोक में सद्गति, परम्परा से मुक्ति चाहिए तो पाश्र्वनाथ प्रभु की आराधना सर्वोत्कृष्ट मानी गई है।
‘तेरे दरबार से खाली जा नहीं सकता, बदनसीबी उसकी जो दरबार में नहीं आ सकता। प्रभु भक्ति मस्त गम नहीं होता, लूटा दे सब कुछ कम नहीं होता।Ó जन-जन की आस्था के केन्द्र भगवान पाश्र्वनाथ प्रभावी व चमत्कारी है। इस अवसर पर मुनि मोक्षानंद विजय जी म.सा. ने कहा कि पाप, ताप, संताप जहां व्याप्त है उसी का नाम संसार है।
ऐसे दु:ख में संसार से मुक्ति के लिए तीर्थंकर परमात्मा पाश्र्वनाथ भगवान की आराधना सर्वश्रेष्ठ है। धर्मसभा के प्रारम्भ में पाश्र्वनाथ भगवान की तस्वीर पर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और पद्मावती भक्ति मंडल की बहनों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेज सिंह बोल्या ने शब्दों द्वारा स्वागत करते हुए आचार्य श्री अगला चातुर्मास उदयपुर में ही करने की विनती की। इस पर पांडाल में मौजूद सभी श्रावक-श्राविकाओं ने भी पूरजोर विनती की। इस पर आचार्य श्री ने सभी को आशीर्वाद दिया। प्रतिष्ठा महोत्सव के लाभार्थी कालूलाल जैन ने कहा कि मुझे समाज ने जो लाभ दिया है उसके लिए मैं और मेरा परिवार आभारी है।
साथ ही पूज्य श्री ललितप्रभ एवं श्री चंद्रप्रभ म.सा. को इस लाभ की प्रेरणा देने के लिए वंदन करते हुए विनती की कि पाँच दिवसीय महोत्सव में सभी समाजजन बढ़-चढ़ कर भाग लें। मंत्री कुलदीप नाहर ने महोत्सव की विस्तृत जानकारी देते हुए आयड़ तीर्थ पर 14 अप्रैल को होने वाले सक्रान्ति महोत्सव के बारे में बताया कि उस दिन देश के कोने-कोने से आचार्यश्री के भक्तगण सक्रान्ति उत्सव में भाग लेने के लिए आएंगे। जहां पर आचार्य श्री का महामंगलिक होगा और उसी दिन आयड़ तीर्थ की जैन धर्मशाला की पेढ़ी का लोकार्पण भी किया जाएगा।
वहीं पर सकल श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज का स्वामीवात्सल्य का आयोजन भी होगा। इस अवसर पर मंदिर के जीर्णोद्धार में सहयोग करने वाले आनंदजी-कल्याण जी पेढ़ी एवं शंखेश्वर पेढ़ी के ट्रस्टी दीपक भाई नैनावटी और दीक्षित भाई नैनावटी का भी महासभा की ओर से बहुमान किया गया। समारोह का सफल संचालन आलोक पगारिया ने किया। इसके पश्चात भव्य स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ, जिसमें पांच हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया।
निकला वरघोड़ा :
इससे पूर्व आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर एवं मुनि मोक्षानंद विजय जी का सविना तीर्थ के प्रतिष्ठा महोत्सव में नगर प्रवेश के लिए लाभार्थी परिवार कालूलाल जैन के निवास से भव्य वरघोड़ा निकाला, जो सविना क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से होते हुए सविना पाश्र्वनाथ मंदिर पहुंचा जहां आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर आदि ठाणा ने चतुर्विध संघ के साथ सामूहिक चैत्य वंदन किया। इसके बाद वरघोड़ा मंदिर से रवाना होकर पास ही स्थित वाटिका पहुंचा जहां समारोह आयोजित हुआ। वरघोड़े में सबसे आगे घुड़सवार जैन पताका लिए चल रहे थे और सबसे पीछे महिलाएँ मंगल गीत गाते हुए चल रही थी।
बैंड पर युवा वर्ग प्रतिष्ठा महोत्सव की खुशी में मदमस्त होकर झूम रहे थे। जैन नीति नवयुवक मंडल के बैंड के पीछे आचार्य नित्यानंद एवं मुनि मोक्षानंद विजय सैंकड़ों श्रावकों के साथ चल रहे थे।
मार्ग में जगह-जगह गहुलिये बनाकर भगवान एवं आचार्य श्री का अभिनंदन किया गया। महोत्सव के संयोजक किरणमल सावनसुखा, सह संयोजक यशवंत जैन, प्रताप चेलावत, दलपत दोशी, चतरलाल पामेचा, अंकुर मुर्डिया, संजय खाब्या, रणजीत मेहता, राजेश जावरिया, रविप्रकाश देरासरिया आदि समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी वरघोड़े में चल रहे थे।
महासभा के मंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आचार्य श्री की निश्रा में कुंभ स्थापना, दीपक स्थापना, ज्वारा रोपण किया गया और दोपहर को पंच कल्याणक पूजा पढ़ाई गई। शाम को श्रावक-श्राविकाएं प्रभु भक्ति में लीन हो गए।
मुमुक्षु ने किया वर्षीदान :
महोत्सव के लाभार्थी कालूलाल-मीना देवी जैन ने बताया कि वरघोड़े में 14 वर्षीय मुमुक्षु दीक्षार्थी ऋषभ जैन हाथी पर सवार होकर वर्षीदान कर रहा था। इसकी दीक्षा आगामी 23 मई को आचार्य श्री की निश्रा में नागौर जिले के कुचेरा गांव में होगी।
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