उदयपुर। रोटरी क्लब उदयपुर के अध्यक्ष डाॅ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि भारत में बोलकर लिखने की शुरूआत वेदव्यास व गणपति के बीच हुई। जब लिखने की बात सामनें आयी तो वेदव्यास ने कहा कि वे लिखेंगे नहीं सिर्फ बोलेंगे तो यह समस्या खड़ी हो गई कि लिखेगा कौन, तो गणपति से लिखनें का निवेदन किया गया।
वे रोटरी बजाज भवन में आयोजित ‘रोटरी द्वारा भेंट लाईब्रेरी पुस्तकों की प्रदर्शनी एवं वार्ता‘कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उस समय गणपति ने वेदव्यास के समक्ष शर्त रखी कि बोलते समय जहाँ वे रूक गये वहीं कलम छोड़ दूंगा। वेदव्यास व अन्य ऋषि संकट में पड़ गये। वेदव्यास ने गणपति से कहा कि लेकिन वे जो भी लिखेंगे, तो सोच समझ कर लिखेंगे। इस प्रकार उस समस्या का सामधान निकला और बोलकर लिखने की परम्परा की शुरूआत हुई।
डाॅ. कुमावत ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जयन्ती पर उनसे जुड़ी जानी-अनजानी बातों से सभी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब उदयपुर 11 लाख की लागत से शहर के 10 राजकीय विद्यालयों में लाईब्रेरी की स्थापना कर ज्ञानवर्धक पुस्तकें रखी जायेगी ताकि सभी विद्यार्थी उसका लाभ उठा सकें। इस वर्ष क्लब की ओर से सब पढ़े-खूब पढ़े का नारा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत में टेबलेट बनाकर छपाई का कार्य शुरू हुआ था। आज 20 हजार टेबलेट धरोहर के रूप में संरक्षित किये हुए है। भोजपत्रों पर लिखनें की शुरूआत इजिप्ट से हुई थी। प्रतिवर्ष 9 अगस्त को बुक लवर्स डे मनाया जाता है।
इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक के अध्ययन के सन्दर्भ में आधुनिक तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में किन्डल किताबों का संसार है। बाजार में ओडियो बुक व टोकिंग बुक का भी काफी डिमान्ड है। ये पुस्तकों के गूगल है।
इस अवसर पर आई लव बुक नामक सेल्फी का भी आयोजन किया गया। जिसमें भाग लेने वाले रोटेरियन एवं कार्यक्रम में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओ मुनीष गोयल,यूएस चौहान दम्पत्ति, एल.एस.कर्णावट, आर.सी.गर्ग, जे.एम.गुप्ता व प्रभा डूंगरवाल को पुरूस्कृत किया गया। प्रारम्भ में मनमोहन भटनागर ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अंत में सचिव संजय भटनागर ने आभार ज्ञापित किया।
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