फरवरी से देश के 4 सरकारी बैंक प्राइवेट में तब्दील हो जाएगें। सरकारी ने इस बात का फैसला ले लिया है कि सभी सरकारी बैंको को निजी बैकों में बदल दिया जाएगा। यह सभी बैकों के नाम बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया। जिसमें सबसे बड़ा बैंक ऑफ इंडिया है। और 3 बैंक छोटे है।
वहीं प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी 5-6 महीने लगेगें। इसके साथ ही बात करे बैक ऑफ इंडिया की तो देश में यह बैंक छठे नंबर का बैंक है। और सातवें नंबर पर सेंट्रल बैंक का स्थान आता है।
बैकों में कर्मचारियों की संख्या बैंक ऑफ इंडिया के पास 50 हजार कर्मचारी हैं जबकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 33 हजार कर्मचारी हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक में 26 हजार और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 13 हजार कर्मचारी हैं। इस तरह कुल मिलाकर एक लाख से ज्यादा कर्मचारी इन चारों बैंकों में हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कम कर्मचारी हैं, इसलिए इसे प्राइवेट बनाने में आसानी रहेगी।
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