अंबामाता थाने कि एक टीम रानी रोड़ पर अब भी कर रही है गाँधीगिरी

अंबामाता थाने कि एक टीम रानी रोड़ पर अब भी कर रही है गाँधीगिरी

बिना हेलमेट वालो का चालान नही बनाती बल्कि उन्हें घर से हेलमेट मांगवाकर पहनाती हैं

 
helmet campaign

पुलिस द्वारा चलाए ज़ा रहे यातायात सुचारु करने वाले जीरो टॉलरेंस अभियान के तहत पुलिस पर जहां मारपीट करने और सख़्ती करने और 1000-1000 रूपए के चालान बनाने कि बातें सामने आ रही हैं। वहीं शहर पुलिस कि एक टीम ऐसी भी सामने आई हैं जो लोगो को हेलमेट पहने बिना, सीट बेल्ट लगाए बिना और तीन सवारियों को बिठा कर घूमते हुए पाए जाने पर उनका चालान नही बना रही बल्कि उन्हें समझा बुझा कर उनके घर से हेलमेट मंगवा कर उन्हें पहना रही हैं और आगे भी हेलमेट और सीट बेल्ट के नियमित इस्तेमाल के लिए प्रेरित कर रही हैं।

गौरतलब हैं कि शहर के अंबामाता थाने कि एक टीम इन दिनों रानी रोड़ पर तैनात रह कर उधर से आने जाने वाले लोगों को जब बिना हेलमेट के देखती हैं तो उन्हें रोक लेती हैं, लेकिन उनका चालान नही बनाती बल्कि उन्हें घर से हेलमेट मांगवाकर पहनाती हैं और उन्हें बिना चालान बनाए ही वाहन से जाने देती हैं।

जहां कुछ दिनों पूर्व बोहरा गणेश ज़ी इलाके में प्रताप नगर थाना पुलिस द्वारा हेलमेट नही लगाकर मोटरसाइकल चलाने पर एक युवक के साथ थप्पड़ लगाने का वीडियो वाइरल हुआ था तो दूसरी तरफ पुलिस एक टीम ऐसी भी हैं जो लोगों को सिर्फ हेलमेट पहनाने और सेट बेल्ट लगाकर गाड़ी चलाने पर जोर दें रही हैं और उनका अनावश्यक रूप से चालान नही बना रही।

अंबामाता थाने के जवान लोकेश कुमार ने बताया कि एसपी उदयपुर विकास शर्मा, एडिशनल एसपी शहर चन्द्रशील ठाकुर और थानाधिकारी अंबामाता के आदेश हैं को ज्यादा से ज्यादा समझाइश करके ही लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और अन्य यातायात के नियमों को पालना करने के लिए प्रेरित करना हैं। 

उन्होंने कहा कि पुलिस का उदेश्य चालान बनाना नही हैं, इसी के चलते जो भी लोग हेलमेट पहने बिना या सीट बेल्ट लगाए बिना गाड़ियां चला रहे हैं उन्हें रुकवाया ज़ा रहा हैं, ओर उन्हें पहले तो हेलमेट पहन कर गाड़ी चलाने को समझाइश की ज़ा रही हैं और फिर उनके घर से हेलमेट मंगवाकर हेलमेट पहना कर ही जाने दिया ज़ा रहा हैं लेकिन उनका चालान नही बनाया ज़ा रहा। 

लोकेश का कहना हैं जैसी ही लोगों को पता चल रहा हैं कि चालान नहीं किया ज़ा रहा तो सभी सहयोग कर रहे हैं और आगे भी हेलमेट को रोज गाड़ी चलाते समय इस्तेमाल में लाने की बात कर रहें हैं। लोकेश का कहना हैं कि उनका उद्देश्य हैं कि लोग हेलमेट पहने और हेलमेट पहन कर गाड़ी चलाने को आदत डाले ना कि चालान के डर से हेलमेट पहने बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए पहने।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को रानी रोड़ पर उनके द्वारा कि ज़ा रही नाकाबंदी में सुबह से करीब 50 से ज्यादा गाड़ियां रोकी गई जिनमे से ज्यादातर लोगों को समझाइश कर हेलमेट पहनाकर बिना चालान के जाने दिया गया तो उनमे से कुछ 5 से लोगों का ही चालान किया गया।

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