उदयपुर 16 सितंबर 2022। उदयपुर में अमराई घाट पर इन दिनों प्रवेश शुल्क और मोबाइल अन्दर ले जाने पर पर्यटकों से अवैध वसूली की जा रही हैं। देवस्थान विभाग ने ठेकेदार को नोटिस भी दिया है लेकिन अभी पर्यटकों से अवैध वसूली जारी हैं। उदयपुर टाइम्स लगातार इससे मुद्दे को उठा रहा हैं।
आज चांदपोल क्षेत्र में निवासरत समस्त क्षेत्रवासी जनप्रतिनिधि एवं जागरूक नागरिकों द्वारा जिला कलेक्टर एवं देवस्थान आयुक्त को सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर मांजी का घाट चांदपोल बाहर उदयपुर पर प्रवेश एवं अन्य शुल्क हटाने के लिए ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में बताया कि सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर प्राचीन मंदिर होकर मेवाड़ के राजा महाराजा द्वारा निर्मित कराया गया है तब से आज दिनांक तक मंदिर में दर्शन करने क्षेत्रवासी जाते हैं उक्त परिसर में तालाब पर ही मेवाड़ के राजा महाराजाओं द्वारा घाट का निर्माण कराया गया है। जिसे मांजी के घाट के नाम से जाना जाता है उक्त घाट पर क्षेत्रवासी प्रतिदिन नहाने एवं नवमी एवं द्वादशी कर्मकांड घाट पर करते हैं।
देवस्थान विभाग द्वारा मंदिर में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाने लगा जो पूर्ण रूप से न्याय उचित नहीं है। अभी तक लिए गए शुल्क से मंदिर पर किसी भी प्रकार का निर्माण, जीर्णोद्धार एवं सुविधाओं में बढ़ोतरी विभाग द्वारा नहीं की गई है। उक्त परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था सही नहीं है।
उदयपुर क्षेत्र में देवस्थान विभाग के अंतर्गत कई मंदिर संचालित है जिन पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, उदयपुर में कई विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल विकसित है जहां पर स्थानीय एवं पर्यटकों की आवाजाही रहती है उक्त स्थानों पर प्रवेश शुल्क स्थानीय निकाय द्वारा नहीं लिया जाता है।
चांदपोल में एक भी सार्वजनिक स्थान एवं खेल का मैदान नहीं है क्षेत्रवासियों आमजन बुजुर्गों एवं बच्चों के घूमने खेलने का एक मात्र स्थान श्री सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर माजी का घाट चांदपोल बार उदयपुर मंदिर परिसर है मंदिर परिसर का उपयोग उपभोग क्षेत्रवासियों द्वारा मेवाड़ के राजा महाराजाओं के समय से पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं क्षेत्रवासी प्रातकाल एवं सायकाल भ्रमण, योग व्यायाम, प्राणायाम एवं दर्शन करने जाते हैं ।
कर्मकांड के लिए ठेकेदार द्वारा शुल्क लिया जा रहा है जो पूर्ण रूप से गलत है जो एक निंदनीय कृत्य है। क्षेत्रवासियों का प्रवेश एवं सभी सुविधा पूर्ण रूप से निशुल्क हो। मंदिर परिसर में पीने के पानी, शौचालय, सिक्योरिटी गार्ड एवं सीसीटीवी कैमरे की समुचित व्यवस्था की जाए। सरदार स्वरूप माजी का मंदिर को अमराई नाम से संबोधित किया जाने लगा है जो गलत है । टिकट प्रणाली एवं सुविधाओं में सुधार हेतु विभाग द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया गया तो ऐसी स्थिति में आमजनता, क्षेत्रवासी जनप्रतिनिधि जागरूक नागरिको एवं स्थानीय संगठनों द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जवाबदेही प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं देवस्थान विभाग की रहेगी। उक्त ज्ञापन में भारत कुमावत एडवोकेट, मदन दवे वार्ड 12 पार्षद, निर्मल चौबीसा, जय सोनी, विजयलक्ष्मी, दुष्यन्त, एवं अन्य क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
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