उदयपुर के जीबीएच हॉस्पिटल में भ्रूण लिंग परीक्षण का मामला सामने आया हैं। पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी को भ्रूण लिंग परीक्षण के नाम पर 90 हज़ार रुपए मांग कर रहे थे। इस दौरान पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में हिमांशु चौहान 20 निवासी अम्बेडकर कॉलोनी सेक्टर-5 और देवेन्द्र सुथार 31 निवासी देबारी को गिरफ्तार किया। इन्होंने एक निजी हॉस्पिटल में नॉर्मल सोनोग्राफी करवाकर भ्रूण लिंग परीक्षण के नाम पर एक दम्पत्ति से 90 हजार रुपए मांग की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर शंकर बामनिया ने बताया कि आईएएस सुधीर शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर जितेंद्र गंगवानी के नेतृत्व में जयपुर के प्री-कंसेप्शन प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (पीसीपीएनडीटी) सेल की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को टीम उदयपुर पहुंची और शनिवार को एक फर्जी गर्भवती महिला के माध्यम से एजेंट आरोपी देवेंद्र और हिमांशु से संपर्क किया। 80 हजार अग्रिम के रूप में और महिला और उसके परिवार को सूचित किया की उसका एक बेटा होगा जिसे उन्होंने लिंग निर्धारण परीक्षण के दौरान देखा है, लेकिन इसके बजाय उन्होंने एक सामान्य सोनोग्राफी की थी।
बामनिया ने बताया कि प्रताप नगर इलाके के बेदवास इलाके में जीबीएच अमेरिकन कैंसर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया, टीम ने उनसे रकम भी बरामद कर ली है। बामनिया ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपियों में से देवेंद्र सुथार देबारी इलाके में नर्सिंग क्लिनिक चलाते हैं जबकि दूसरे आरोपी हिमांशु के पिता उदयपुर नगर निगम में कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेकर इसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस मामले में जीबीएच हॉस्पिटल के कर्मचारियों का भी शामिल होना सामने आ सकता हैं।
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