उदयपुर 1 दिसंबर। जिला कलक्टर ताराचन्द मीणा के निर्देशन में संचालित भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान की सफलता धरातल पर दिखने लगी है। राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि अभियान के तहत शहर के प्रमुख चौराहों एवं पर्यटन स्थलों पर गत कई दिनों से भिक्षावृत्ति रोकने हेतु समझाइश के साथ बेसहारा लोगों को रेस्क्यु कर चित्रकुट नगर में अभियान के लिए विशेष रूप से स्थापित पुर्नवास गृह भेजा जा रहा है।
अब तक 32 लोग रेस्क्यू
अभियान संयोजक एवं राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि अब तक कूल 32 लोगों को रेस्क्यु कर उदयपुर चित्रकुट नगर स्थित गृह में पुर्नवासित किया गया है। साथ ही कुल 54 लोग जिन्हे किसी आश्रय की आवश्यकता नहीं थी एवं केवल आदतन भिक्षावृत्ति के कार्य में संग्लन थे वे पुनः अपने गृह राज्य को लोट गए। अभियान तहत गठित विशेष दल की टीम प्रातः एवं सायंकाल इन सभी चौराहो पर पूरी निगरानी रख रही है।
बेसहारा बच्चे दिखने पर चाइल्ड लाइन 1098 पर करें कॉल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उदयपुर के उपनिदेशक मान्धाता सिह राणावत ने आमजन से अपील करते हुए अभियान में सहयोग करते हुए भिक्षा नही देने की बात कही। साथ ही कहीं भी बेसहारा बच्चे दिखने पर चाइल्ड लाइन 1098 पर सुचना देने की बात कही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं बाल विकास संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविन्द जांगीड ने प्रशासन उदयपुर का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वास्तव में प्रशासन की यह मूहिम रंग ला रही है, हमारी संस्थान के कार्यर्कताओ द्वारा फतहसागर एवं कई स्थानो का सर्वे किया तो पाया कि अब भिक्षावृत्ति करते लोग नही दिख रहे है। रेस्क्यु अभियान में बाल कल्याण समिति, राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं बाल विकास संस्थान, राहडा फाउन्डेशन, बाल सुरक्षा नेटर्वक, गायत्री सेवा संस्थान एवं पुलिस विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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