मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को उदयपुर के सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। इस दौरान सीएम गहलोत नगर निगम कमिश्नर हिम्मत सिंह बाहरठ पर नाराज हुए। उन्हें मौके पर बुलाया और शिकायतकर्ता के सामने जबाव तलब किया।
दरअसल, शिकायतकर्ता ओमप्रकाश राठौड़ ने सीएम को शिकायत की थी कि पटवारी कॉलोनी स्थित उसके आवास पर कोर्ट स्टे होने के बावजूद नगर निगम ने तोड़फोड़ कर दी। वहां बड़ा खड्डा खोद दिया। जबकि संभागीय आयुक्त ने भी इस पर स्टे दे रखा है। इस पर सीएम गहलोत ने वहां मौजूद संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट को पूछा कि क्या स्टे दिया हुआ है? इस पर संभागीय आयुक्त ने बोले, दिया है। फिर तुरंत निगम कमिश्नर बाहरठ को बुलाया गया।
सीएम ने कमिश्नर को एक ही सवाल तीन बार पूछा कि स्टे के बावजूद तोड़फोड़ क्यों की गई। दबी जुबान से कमिश्नर कुछ बोले लेकिन आवाज नहीं आने पर सीएम बोले थोड़ा जोर से बोलो। इसके बाद कमिश्नर पर नाराजगी जताते हुए इस पूरे मामले की जांच के लिए कलेक्टर ताराचंद मीणा को निर्देश दिए।
जनसुनवाई में कांग्रेस पार्षद अरुण टांक ने अम्बेरी में यूआईटी द्वारा दिए गए पट्टे का मुद्दा उठाया। मामले में जांच कराने का निवेदन किया। सर्किट हाउस में बड़ी संख्या लोग सीएम को बिजली, पानी व सड़क सहित कई समस्याएं बताने पहुंचे। इस साल चुनावी वर्ष होने से लम्बे समय बाद इस तरह जनसुनवाई देखी गई। करीब एक घंटे तक सीएम ने हर व्यक्ति की समस्याएं सुनी।
जनसुनवाई के बाद सीएम गहलोत वल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत के निवास पर पहुंचे। यहां चाय पर मेवाड़ के वरिष्ठ नेताओं से राजनीतिक चर्चाएं की। गहलोत ने स्थानीय संगठन की सक्रियता और चुनावी तैयारियों को लेकर फीडबैक लिया। इस दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरीजा व्यास, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया, पूर्व विधायक सज्जन कटारा, कांग्रेस नेता लालसिंह झाला और पंकज शर्मा मौजूद थे।
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