निशुल्क इलाज के साथ वरदान साबित हो रही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

निशुल्क इलाज के साथ वरदान साबित हो रही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

1633 तरह के पैकेज के अंतर्गत किया जा रहा है उपचार

 
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उदयपुर, 18 मई। प्रदेश के नागरिकों को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज उपलब्ध कराने एवं इलाज के दौरान लगने वाली भारी-भरकम राशि से छुटकारा दिलाने हेतु राज्य सरकार की महत्वपूर्ण एवं फ्लैगशिप योजना मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।

पैसों के अभाव में वर्षों से मर्ज को दबाए बैठे लोगों को जब योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज का लाभ मिला तो न केवल मर्ज से मुक्ति मिली बल्कि इलाज में लगने वाले भारी-भरकम खर्चे का प्रबंध करने की चिंताओं को भी सरकार की इस योजना ने हर लिया। पहले जहां निशुल्क इलाज के लिए केवल राजकीय चिकित्सालय का ही रुख करना पड़ता था इस योजना के आने से न केवल सरकारी अपितु उच्च गुणवत्ता वाले निजी अस्पतालों में भी अब निशुल्क उपचार उपलब्ध हो रहा है।

अभी तक 121 करोड़ रुपए का किया गया निशुल्क इलाज

1 मई 2021 से शुरू हुई इस योजना में दिए लाभ की बात करें तो केवल उदयपुर जिले में ही 51730 लोगो का 121 करोड़ रुपयों का निशुल्क इलाज किया गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि इसमें से लगभग 84 करोड रुपए के इलाज निजी अस्पतालों द्वारा किए गए हैं यानी पहले जहां निजी अस्पतालों में सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भारी-भरकम राशि जेब से चुकानी पड़ती थी वहां अब गुणवत्ता पूर्वक निशुल्क उपचार मिलने से लोगों के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना वरदान साबित हो रही है।

राज्य सरकार द्वारा योजना के दायरे को और बढ़ाते हुए कैंसर, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कोकलियर इंप्लांट्स जैसे महंगे इलाज को भी योजना में शामिल करके आमजन को और अधिक राहत देने का प्रयास किया है।

1633 तरह के पैकेज के अंतर्गत किया जा रहा है उपचार

सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने बताया कि योजना में शामिल बीमारियों की बात करें तो जिले में 34 राजकीय एवम् 21 निजी अस्पतालों द्वारा  विभिन्न बीमारियों के 1633 पैकेज के अंतर्गत उपचार किया जा रहा है जिसमें सामान्य बीमारी से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपए तक के इलाज को कवर किया जा रहा है।

वल्लभनगर की रीना कुमारी को ह्रदय के एक वॉल की समस्या थी। पेसिफिक हॉस्पिटल उमरडा मैं कार्डियक सर्जन द्वारा 1लाख 59 हजार की सर्जरी को चिरंजीव योजना के तहत पूर्णता निशुल्क किया गया। इसी प्रकार राजसमंद के पंकज गुर्जर का भी ह्रदय संबंधी समस्या के लिए पूर्णतः निशुल्क उपचार किया गया। अगर पंकज का चिरंजीवी योजना में पंजीकरण नहीं होता तो उनको इलाज के लिए लगभग 2 लाख रुपए खर्च करने पड़ते।

मात्र 850 रुपए में हो रहा है पूरे परिवार का बीमा

सीएमएचओ डॉ खराड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एकमात्र ऐसी योजना है जिसमें केवल 850 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है। इसके अलावा इस योजना में पंजीकरण करवाने पर परिवार के सदस्यों का 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी निशुल्क किया जा रहा है। जिसमें 7 तरह की दुर्घटनाएं जैसे ऊंचाई से गिरना जलना केमिकल का छिड़काव करंट लगने इत्यादि से हुई दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है।

डॉ खराड़ी ने बताया की जो लोग इस योजना से अभी तक नही जुड़े है उन्हे जोड़ने के लिए क्षेत्र की आशा एएनएम द्वारा घर घर जाकर योजना का लाभ एवम् पूरा विवरण समझाकर  जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही जिन लोगो की बीमा अवधी समाप्त हो चुकी है उनको कॉल कर पॉलिसी नवीनीकरण हेतु सूचित किया जा रहा है।

डॉ खराड़ी ने योजना से वंचित परिवारों को शीघ्र जुड़ने की अपील करते हुए कहा की यदि कोई परिवार 31मई तक इस योजना में पंजीकरण करवा लेता है तो उनको तुरंत लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। यदि 31 मई बाद पंजीकरण करवाया जाता है तो इस स्थिति में 1 अगस्त के बाद ही लाभ मिलना शुरू होगा।

शहरी क्षेत्र में पंजीकरण बढ़ाने पर जोर

योजना से वंचित परिवारों को जोड़ने की कवायद को लेकर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशन में सीएमएचओ डॉ खराड़ी निरंतर बैठके कर फील्ड स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को गति दे रहे है। जिला कलेक्टर द्वारा योजना की निरंतर मॉनिटरिंग कर प्रगति की समीक्षा की जा रही है। 

कल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेक्टर 14 पर शहरी क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेते हुए सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी ने शहरी क्षेत्र में अभी तक किए गए पंजीकरण एवं वंचित परिवारों को शीघ्र जोड़ने को लेकर चर्चा की। बैठक में डॉक्टर खराड़ी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की बजाए शहरी क्षेत्र में योजना से वंचित परिवारों का आंकड़ा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टर प्रभारियों के पास उनके सेक्टर अनुसार वंचित परिवारों की सूची उपलब्ध है अतः आशा एवं एएनएम की टीम बनाकर वंचित परिवारों से घर घर जाकर संपर्क करे एवम् पंजीकरण को बढ़ाए।

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