राजस्थान सरकार की शराब व्यवसायियों के प्रति दमनकारी नीति के खिलाफ उदयपुर के शराब व्यापारियों ने उदयपुर कलेक्टरी पर धरना प्रदर्शन किया और ज़िला कलेक्टर कों राजपाल के नाम पर अपनी मांगो कों लेकर ज्ञापन सौंपा।
अपने ज्ञापन के माध्यम से व्यापारियों ने बताया कि राजस्थान सरकार से लाईसेंस लेकर शराब का व्यापार कर रहे है। गत वर्षो में कॉरोना काल की वजह से शराब की बिक्री कम हुई जिसे सरकार के टार्गेट (गारन्टी) को पूर्ण नहीं कर सकें। उन्होने बताया कि शराब व्यापार सरकार कर रही है वो तो राजस्व पहुंचाने का जरिया मात्र है।
महामारी में शराब की बिक्री कम होने से सरकार ठेकेदारों के विरूद्ध वसूली अभियान चला रही है, जिसमें की चल-अचल सम्पत्ति नीलाम कर रही है उसी का विरोध करने गये हमारे संगठन के प्रदेश प्रतिनिधि को टोंक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वो सरकार की शराब नीति का विरोध कर रहे थे,सरकार जो कि गांधी वादी विचार रखती है, समाज में नशे की प्रवृति से दूर रहने को कहती है, वही सरकार का असली चेहरा है कि शराब से अधिक से अधिक राजस्व कमाया जाए।
उन्होंने ज्ञापन में बताया कि शराब की बिक्री कम होने पर व्यापारीयों का दमन कर विरोध प्रदर्शन करने से भी रोका जाए। व्यापारियों को शांति पूर्वक बात रखने का एवं सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने का हमें अधिकार है। उन्होंने सरकार से नियम नीति के अनुसार कार्य करने, व्यापारी और समाज पर राजस्व पाने के लिए शराब पीने/प्रसार करने की रोकथाम करने की मांग करते हुए भविष्य में प्रशासन पर दबाव बनाकर शांतिपूर्वक बातों को अनसुना नहीं करे।
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