सरस्वती लाइब्रेरी की 605 बेशमिकती पुस्तकों का हुआ डिजिटलाइजेशन


सरस्वती लाइब्रेरी की 605 बेशमिकती पुस्तकों का हुआ डिजिटलाइजेशन

पाठकों के लिए एक नवीन हॉल का निर्माण भी शीघ्र होगा पूर्ण

 
saraswati library

उदयपुर 13 जनवरी 2023 । गुलाब बाग स्थित सरस्वती लाइब्रेरी की बेशकीमती पुस्तकों का डिजिटलाइजेशन किया गया है। लाइब्रेरी प्रभारी कमल दक ने बताया कि 30 लाख रुपए की लागत से लाइब्रेरी की 605 पुस्तकों को डिजिटलाइज किया गया है। इसके अलावा स्वतंत्रता से पूर्व के गजट्स, तस्वीरों तथा बेशकीमती पेंटिंग्स को भी इसमें शामिल किया गया है। 

डिजिटलाइजेशन होने से इन दस्तावेजों का संरक्षण हो सकेगा और आसानी से डिजिटल माध्यम से इन्हें आवश्यक होने पर कहीं भी प्रेषित कर उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि डिजिटलाइज की गई पुस्तकों में ऐसी कई पुरानी एवं उपयोगी पुस्तकें है जिनका अस्तित्व बनाए रखना आवश्यक है। इनमें जाने-माने राइटर्स की इतिहास से जुड़ी अतिमहत्वपूर्ण पुस्तकें भी शामिल हैं।

पुस्तकालय सुदृढीकरण का कार्य निरंतर जारी

पुस्तकालय प्रभारी कमल दक ने बताया कि पुस्तकालय का विस्तार, नवीनीकरण एवं सुदृढीकरण का कार्य निरंतर जारी है। यहाँ एक नवीन हॉल निर्माणाधीन है जो शीघ्र ही आमजन के लिए लोकार्पित होगा जिसमें शांत वातावरण में 151 व्यक्ति बैठ कर अध्ययन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सप्ताह में सातों ही दिन यह लाइब्रेरी आमजन के लिए खुली रहती है एवं यहाँ बिना किसी शुल्क सभी लोगों को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलध कराने का प्रयास किया जाता है। 

वर्तमान में प्रतिदिन 150 स्टूडेंट्स यहाँ आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा एक हेरिटेज प्रॉपर्टी होने के चलते देशी-विदेशी पर्यटक भी यहाँ आना नहीं भूलते।

लाइब्रेरी में विभिन्न सुविधाओं से पाठक हो रहे लाभान्वित

पुस्तकालय प्रभारी कमल दक ने बताया कि इस लाइब्रेरी में आने वाले पाठकों को शांत वातावरण में अध्ययन की सुविधा दी जाती है। यहां विभिन्न विषयों पर प्रकाशित अथाह पुस्तकें मौजूद हैं जो पाठकों, स्टूडेंट्स तथा शोधार्थियों के लिए उपयोगी हैं। गुलाब बाग में प्रकृति के सुकूनदायी एवं शांत वातावरण में स्थित यह लाइब्रेरी पाठकों को हमेंशा से ही आकर्षित करती रही है।

समाजसेवी चौकसी का मिला सहयोग

पुस्तकालय में निर्माणाधीन रीडिंग हॉल का निर्माण कार्य युआईटी द्वारा 50 लाख रुपए की राशि से करवाया जा रहा है। इसके अलावा जिले के जाने-माने समाजसेवी रवींद्र चौकसी द्वारा 15 लाख रुपए की लागत से यहां फर्नीचर लगाने का कार्य जारी है। चौकसी सीएसआर के तहत शिक्षा जगत में निरंतर कार्य कर रहे हैं एवं इन्हें विभिन्न मौकों पर राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

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