झीलों के शहर के जलाशयों के संरक्षण के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने गंभीरता दिखाई है और इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए मंगलवार को आयोजित हुई जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए कलक्टर मीणा ने कहा कि देश-दुनिया में अपनी झीलों व पर्यटन के लिए प्रसिद्ध लेकसिटी में भी जलाशयों का संरक्षण बेहद जरूरी है।
कलक्टर ने प्रदूषण मंडल के अधिकारियों से कहा कि वायु प्रदूषण की तरह ही झीलों में बोट्स आदि से होने वाले जल प्रदूषण को मापने के सयंत्रों को भी लगाने की जरूरत है, ऐसे में इस दिशा में कार्यवाही प्रस्तावित की जाए। उन्होंने फतेहसागर पर महिलाओं को ई रिक्शा उपलब्ध कराने, बाघदड़ा व मेनार को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने, मुंबईया बाजार के अतिक्रमण को रोकने, बनारस व डूंगरपुर की तर्ज पर शहर की झीलों में सोलर बोट संचालित करवाने, उदयसागर में बोटिंग व पर्यटन गतिविधियों की स्वीकृति के संबंध में मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट करने संबंधित चर्चा की गई।
जी 20 के बाद भी शहर सुंदर बना रहे:
शहर में जी 20 शेरपा सम्मेलन के आयोजन दौरान हुए सौंदर्यीकरण को वर्षभर जारी रखने की मंशा जताते हुए कलक्टर मीणा ने कहा कि शहर में शेष रहे सार्वजनिक स्थलों पर वॉल पेंटिंग करवाने, जयसमंद रोड़ सहित सभी डिवाइडरों पर रंगरोगन करने, रोड़ साइनेज स्थापित करने सहित सौंदर्यीकरण के कार्य वर्षभर होते रहने चाहिए। उन्होंने इस संबंध में नगर निगम और अन्य विभागीय अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए। बैठक दौरान यूआईटी सचिव नितेन्द्र पाल सिंह, एसई अनित माथुर, जिला परिवहन अधिकारी डॉ. कल्पना शर्मा, तकनीकी सलाहकार बीएल कोठारी, अधिशासी अभियंता निर्मल सुथार, नगर निगम के संदीप दाधिच आदि ने विचार व्यक्त किए।
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