उदयपुर, 31 अगस्त। सर्वशक्तिमान अनादि अनंत की कृति प्रकृति के कण-कण में ईश्वर का स्वरूप विद्यमान है। इसका एक साक्षात नजारा शहर से 15 किलोमीटर दूरी पर पिण्डवाड़ा हाइवे पर कुण्डा गांव स्थित कुण्डेश्वर महादेव में दिखाई देता है।
मंदिर के पुजारी उंकारपुरी बताते हैं कि शिवालय करीब दो हजार वर्ष पुराना है और परिसर में ही साढ़े तीन बीघा में एक विशाल बरगद का पेड़ फैला हुआ है। मंदिर के पास इसी बरगद की जड़ से भगवान गणेश की एक प्राकृतिक संरचना प्रकट हुई है।
श्रद्धालुओं ने बरगद की जड़ से प्रकट हुए गजानन की पूजा अर्चना के निमित्त एक मंदिर भी बनाया है। श्री गणेश चतुर्थी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु इस प्रतिमा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
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